सतत साधना द्वारा व्यक्ति निर्माण से ही समाज निर्माण - आरएसएस सरसंघचालक श्री मोहन भागवत

नई दिल्ली / 01 दिसंबर 2016// समाज को संघ पर भरोसा प्रचार के कारण नहीं है, बल्कि संघ के नित्य कार्यों के कारण हैं ! स्वयंसेवकों की तत्वनिष्ठा के कारण ही संघ विगत 90 वर्षों से निरंतर आगे बढ़ता रहा है ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 90 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रकाशित पांचजन्य व ओर्गेनाईजर के संग्रहणीय विशेषांकों के लोकार्पण कार्यक्रम में उक्त विचार व्यक्त किये ! भारत प्रकाशन (दिल्ली) लिमिटेड द्वारा संघ के कार्यों को कालखण्डों में बाँट कर इसे प्रकाशित किया गया है !

श्री भागवत ने कहा कि संघ यह नहीं कहता कि भारतवासियों तुम आश्वत हो जाओ, तुम्हें कुछ नहीं करना है हम सारे कार्य कर देंगें, बल्कि, संघ कार्य पद्धति यह रही है और है कि हम सब मिलकर कार्य करेंगे! सबको साथ लेकर चलना ही संघ के व्यवहार में है !

संघ क्या है? समाज में इसके लिए प्रमाणिक जिज्ञासा उत्पन्न करना है तो स्वयंसेवकों को आत्मीयता पूर्वक इसका अनुभव कराना होगा, तभी हम संघ के बारे में समाज को बता सकते है.  

उन्होंने आगे कहा कि संघ की लत जब किसी को एक बार लग जाती है तो वो ताउम्र नहीं छूटती है ! ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसके अंतःकरण में मानव हितैषी सामाजिक भावना स्थाई रूप से बैठ जाती है ! संघ एक विचार है, लेकिन उस विचार में नया क्या है ? अपने देश के उत्थान के लिए काम करेने वालों के मन में जो अलग-अलग विचार थे, उन्हें एकरूपता प्रदान कर सभी को साथ लेकर चलना और उसके अन्दर से रचनात्मक विचार पर कार्य करना ही संघ का विचार है! यही हमारी विविधता में एकता सिखाने वाली हमारी सनातन काल से चली आई सम्पदा (परंपरा) है!  

जब अपने देश की विविधताओं में एकता को विश्व देखता है, तो वो कहते हैं, ये हिन्दू विचार है! इसलिए संघ मानता है कि इस विश्व में समस्याओं का निदान बंधुत्व भाव से ही हो सकता है और यही वह विगत 90 वर्षों से निरंतर करते चला आ रहा है!

संघ कार्य का दायरा संकुचित नहीं है बल्कि, समूचे विश्व को बंधुत्व भाव से ओत-प्रोत करके जोड़ने का है! 

हिन्दू समाज को भी अपने अन्दर की बुराईयों और अहंकार को त्यागना होगा, तभी हम विश्व और विश्व में मौजूद सभी धर्म-सम्प्रदायों को बंधुत्व भाव से जोड़ पाएंगे! 

अंग्रेजों ने अपने निहित स्वार्थ के लिए हिन्दू शब्द की एक अलग परिभाषा गढ़वाई, जिसके कारण समाज के अन्दर अलग-अलग प्रकार के भ्रम पैदा हुए ! जबकि वास्तविकता यह है कि सभी भारतीय हिन्दू हैं ! यह विचार की अभिव्यक्ति का ही अंतर है!

सतत साधना द्वारा व्यक्ति निर्माण से ही समाज निर्माण किया जा सकता है, और यही कार्य दैनंदिन शाखा के माध्यम से संघ करता है  ! 

संघ इसके अतिरिक्त कुछ नहीं करता है, किन्तु संघ कार्यपद्धति से निर्मित स्वयंसेवक सबकुछ करते हैं! इसीलिए इसके समानान्तर दुनिया में कोई संगठन नहीं है, जो इसके स्तर को छू सके! अभी तक मैं इसे मानता रहा हूँ, सभी स्वयंसेवक बन्धु भी मानते हैं, लेकिन  अब दुनिया भी इसे मान रही है और समय-समय पर कह भी रही है! 

उन्होंने कानपुर में हुई रेल दुर्घटना का जिक्र करते हुए बताया कि राहत कार्य के लिए सबसे पहले संघ के स्वयंसेवक ही पहुंचे ! और लोग भी पहुंचे थे साथ ही वहां पर कुछ ऐसे भी तत्व पहुंचे जो सेवा और सहायता के नाम पर दुर्घटना में मारे गए लोगों के कीमती सामानों की चोरी कर रहे थे ! तो रेलवे के वरिष्ठ अधिकारीयों ने तत्काल निर्णय लिया और वहां पर प्रशासन को आदेश दिया कि संघ के स्वयसेवकों को छोड़कर किसी भी संस्था के कार्यकर्ता या सहायता करने वालों को वहां पर जाने से रोक दिया जाए! ऐसा क्यों हुआ? ऐसा इसलिए कि संघ के स्वयंसेवक ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ होते हैं! यह बताता है कि समाज में संघ का प्रभाव कैसा है, संघ और संघ के स्वयंसेवकों के प्रति समाज में किस कदर विश्वास और किस प्रकार की छवि बनी हुई है?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 90 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर संग्रहणीय विशेषांको के लोकार्पण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी, विशिष्ट अतिथि डिक्की के संस्थापक व उद्योगपति मिलिंद काम्बले थे. इनके अलावा मंचासीन रहे - भारत प्रकाशन के एमडी व दिल्ली प्रान्त के सह संघचालक श्री आलोक कुमार, भारत प्रकाशन के समूह संपादक जगदीश उपासने, पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर और ऑर्गेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर. कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेश भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह – डॉ. कृष्ण गोपाल जी, श्री भागैया जी, श्री सुरेश सोनी जी, उत्तर क्षेत्र के प्रचार प्रमुख श्री नरेंद्र ठाकुर जी, दिल्ली प्रान्त के संघचालक कुलभूषण आहूजा जी, दिल्ली प्रांत कार्यवाह भारत भूषण जी, दिल्ली प्रान्त प्रचार प्रमुख राजीव तुली जी के अलावा संघ के राष्ट्र, क्षेत्र, प्रान्त और विभाग स्तर के पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे. भारत सरकार के मौजूदा मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद के अलावा बीजेपी के तमाम सांसद भी मौजूद रहें.

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