एक सामाजिक कार्यकर्ता की संन्यास यात्रा !

आपातकाल के दौरान अपनी सगाई के एक दिन पूर्व 14 नवम्बर 1975 को संघ प्रेरित सत्याग्रह आन्दोलन में भाग लेकर मीसाबंदी बने एक 23 वर्षीय नौजवान लक्ष्मीनारायण गुप्ता, केन्द्रीय कारागृह ग्वालियर से मुक्त होने के बाद नागा सन्यासी बन गए ! आज 40 वर्ष बाद वे अपने गृह नगर शिवपुरी पधारे तो मित्रों के आग्रह पर अपनी संन्यास यात्रा के अनुभव साझा किये !


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