दुखियारी पुनिया की दुनिया और हमारे खुशहाल नेता !

देश में करोड़ों मेहनतकश गरीब महिलायें हैं, प्रतीक स्वरुप उन्हीं में से एक है, इस काव्य की नायिका पुनिया ! आज के संवेदनहीन राजनैतिक परिदृश्य के साथ जोड़कर इस कविता को सुनेंगे तो शायद आपके मन में भी वह आग जलेगी, जिसे जगाना ही कवि का उद्देश्य है !





एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें