अमरीका से लौटकर सरपंच बनी महिला – बदल रहीं गाँव की तस्वीर


कुछ दिनों पूर्व भोपाल में आयोजित “लोक-मंथन” कार्यक्रम में झारखंड से आये एक समाजसेवी ने नारा बुलंद किया था –

लोक सभा न विधान सभा, सबसे ऊपर ग्राम सभा !

सवाल उठता है कि क्या बाकई उनकी बात में कोई सचाई है ? भोपाल के ग्राम बरखेडी अब्दुल्ला की सरपंच भक्ति शर्मा को देखकर तो यही लगता है ! अगर मन में जज्बा हो तो लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत समाज परिवर्तन की धुरी बन सकती है ! भक्ति शर्मा ने सरपंच बनने के बाद अपने गाँव की काया ही पलटकर रख दी है !

राजनीति शास्त्र में एम ए करने के बाद सन 2012 में भक्ति, नौकरी करने अमरीका गईं, किन्तु शायद गाँव की मिट्टी ने उन्हें वापस पुकारा और 2013 में वे वापस भारत आ गईं ! उनकी इच्छा महिला सशक्तीकरण के लिए काम करने की थी, अतः वे एक एनजीओ के माध्यम से उस दिशा में सक्रिय भी हुईं ! उसी दौरान पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई और संयोग से उनका अपने गाँव बरखेडी अब्दुल्ला की ग्राम पंचायत महिलाओं के लिए आरक्षित भी हो गई ! भक्ति को लगा कि सरपंच बनकर वे अपने स्वप्न को अधिक आसानी से साकार कर सकती हैं ! परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उनके विचार का समर्थन किया ! ग्रामवासियों ने भी उन्हें हाथों हाथ लिया और देखते ही देखते वे सरपंच बन अपनी नई भूमिका में सक्रिय हो गईं !

सरपंच बनने के बाद जो पहला काम भक्ति ने किया वह उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को दर्शाता है ! उन्होंने गाँव में जन्म लेने वाली प्रत्येक वालिका की मां को सरपंच मानदेय देना प्रारम्भ किया ! और सबसे सराहनीय बात यह कि इसके लिए अपने स्वयं के दो माह का वेतन अर्थात चार हजार रुपये वे स्वयं की ओर से देती हैं ! इतना ही नहीं तो उस नवजात बेटी के नाम से गाँव में एक पौधा भी लगाया जाता है !

भक्ति शर्मा की सक्रियता का ही नतीजा है कि गाँव के 99 प्रतिशत लोगों के न केवल राशन कार्ड बन चुके हैं, बल्कि बैंक एकाउंट भी खुल गए हैं ! सांसद निधि से गाँव में सोलर लाईट लगाई जा चुकी है ! निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाये गए हैं ! अब उन्होंने प्रधान मंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय बनाने का संकल्प लिया है, जिसे पूरा करने के लिए वे प्राणपण से जुटी हैं !

भक्ति का मानना है कि अगर मैं गाँव के लोगों को आधुनिक शिक्षा से नहीं जोड़ पाई, तो मेरा स्वयं का अध्ययन व्यर्थ है ! अतः अब वे नई पीढी को कम्प्यूटर शिक्षा दिलाने के कार्य में भी जुट गई हैं ! उनकी भविष्य की कार्य योजना में पूरे गाँव को वाई फाई युक्त करना है ! गाँव में सामुदायिक भवन निर्माण कर महिला उद्यमियों के प्रशिक्षण की भी उनकी योजना है ! इसके अतिरिक्त गाँव के प्राथमिक विद्यालय को हाई स्कूल करवाने की दिशा में भी वे प्रयत्नशील हैं !

उनके कार्य को देखते हुए ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने उन्हें देश की 100 प्रसिद्ध महिलाओं की सूची में रखा और बाद में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें सम्मानित भी किया !

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