सेनाध्यक्ष विपिन रावत के बयान और उसके विरोध पर देश की प्रतिक्रिया


सेना प्रमुख विपिन रावत ने कहा था
"कश्मीर मे जो आतंकियो की मदद करेगा, जो पत्थरबाजी करेगा, जो भी सेना के ऑपरेशन के बीच आयेगा उनको भी आतंकवादी माना जायेगा और अब उनसे बंदूक से बात की जायेगी"
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सेना प्रमुख के इस बयान पर पूरा विपक्ष बौखला गया है
१. - सेना प्रमुख ने अपना आपा खो दिया है, उनको अपने दायरे मे रहना चाहिए
~ संदीप दीक्षित, कांग्रेस
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२. - हर कश्मीरी भारतीय है, सेना प्रमुख को ऐसा बेतुका बयान नही देना चाहिए
~ रंजीत रंजन, कांग्रेस
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३. सेना प्रमुख को ऐसे बयानो से दूरी बनायी रखनी चाहिए
~ केसी त्यागी, जेडीयू
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वाह जी वाह !! वोट के लिए और कितना गिरोगे?? वोटबैंक के लिए आज ये सेना को गलत साबित कर रहे है !!
आज पूरा विपक्ष कह रहा है की पत्थरबाजो पर गोली मत चलाना.... क्यो???
ताकि तुम लोग चुनाव मे उनसे वोट ले सको !!!!
कितने शर्म की बात है, ये कांग्रेस और तमाम विपक्ष वोटबैंक के लिए इस देश को भी बेच देंगे !!!
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खैर हम तो अपनी सेना के साथ है और सेना प्रमुख के बयान से पूरी तरह सहमत है
हम तो यही चाहते है की हमारी सेना उन पत्थरबाजो के पिछवाडे गोली मारे और हो सके तो इन विपक्षियो के पिछवाडे भी गोली मार दे !!
#जय_हिन्द

कहीं पाकिस्तान और चीन के पक्ष में तो नए सेना प्रमुख का विरोध नहीं कर रही कांग्रेस-कम्युनिस्ट पार्टी?

मोदी सरकार ने उप सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत को जब से नए सेना प्रमुख बनाने की घोषणा की है, कांग्रेस और कम्युनिस्ट एक सुर में बोलते हुए इसका विरोध कर रहे हैं! इसे केवल विरोधी पार्टी के विरोध के रूप में नहीं देखा जा सकता है! जनरल विपिन रावत की प्रोफाइल और कांग्रेस-कम्युनिस्टों के अतीत को देखते हुए इससे साजिश की बू आ रही है! कांग्रेस और कम्युनिस्ट, दोनों का अतीत खुद के देश भारत से अधिक पाकिस्तान और चीन को प्राथमिकता देने का रहा है, इसलिए इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है!

मेरी जनवरी 2017 में आ रही पुस्तक 'कहानी कम्युनिस्टों की' में आपको पता चलेगा कि किस तरह से हरकिशन सिंह सुरजीत को चीन की मदद करने और भारतीय सेना को तबाह करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी!

मेरे इसी किताब ‘कहानी कम्युनिस्टों की’ में आपको भारत विभाजन के लिए हो रही बैठक में मौजूद रामामनोहर लोहिया से लेकर पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर हमले के दौरान सेना प्रमुख तक के बयान संदर्भ के साथ मिलेंगे कि किस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्ना और पाकिस्तान के हित में निर्णय ले रहे थे!

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मेरा तो स्पष्ट रूप से कहना है
मानना है की चाहे वह कोई भी हो
बड़े से बड़े नेता हो या कोई व्यक्ति
गुलामनबी आजाद हो
या
संदीप दीक्षित
हो
या कोई भी हो
जो आतंकवादियों का समर्थन करेगा
जो विपिन रावत के बयान का विरोध किसी भी आधार पर करेगा
उसको भी सीधा सीधा आतंकवादी माना जाए
तभी सही स्थिति आएगी

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विपिन रावत के बयान ने कई लोगो की ऐसी फाड़ी है
की सिलाई कैसे करे
कारण जब सिलाई करने लगेंगे
तब जहा सुई डालेंगे वही पर बड़ा छेद हो जायेगा
अब उनका समर्थन कौन करेगा ?
जो उनके स्लीपर सेल है
पाकिस्तान कांग्रेस की जरुरत है
जिस दिन पाकिस्तान और तुष्टिकरण खत्म हो जायेगा
कांग्रेस के प्राण निकल जाएंगे
कारण कांग्रेस रूपी राक्षस के प्राण इस दो तोतो में है
सो आप जब भी तोतो का टेंटुआ दबाएंगे
तब राक्षस चिल्लायेगा

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जनरल विपिन रावत के बयान का विरोध सबसे पहले कांग्रेस ने
किया.....
देशद्रोही और गददार है कांग्रेस
पार्टी..गूलामों देख लो

जनरल विपिन रावत के बयान का विरोध , सिर्फ और सिर्फ कश्मीरी वोट बैंक के लिये कर रहे तो , हाँ बे दोगले हो तुम !!

जो आतंकियों के समर्थक हैं वो ही जनरल विपिन रावत के बयान का विरोध कर रहे हैं...पहचान करते चलो....

सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने पत्थरबाजो पर कार्रवाई का बयान क्या दिया कांग्रेस,J DU,नेशनल कॉन्फ्रेंस के सारे लीचड़ नेता उन पर पिल पड़े,सेना को एक काम करना चाहिए की अब जब भी कही आतंकी हमला हो तो इन लिचड़ो को सेना की वर्दी पहनाकर सामने कर दे,अब इन में से कोई भी मरे देश का तो भला ही होगा

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