पिछले दिनों सोशल मीडिया पर हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर जाकिर रशीद भट्ट का एक वीडियो प्रसारित हुआ है | इस जाकिर भट्ट ने ही कश्मीर घाटी में...
कश्मीर समस्या तो 1947 से ही चल रही है, जब पाकिस्तान ने अपने सैनिकों को कबाइलियों के रूप में सीमा के उस पार से भेजा था। घाटी में जब बारामूला तक ये पहुंचे तो कश्मीर के महाराजा ने अपनी रियासत को भारत के हवाले किया, समझौते पर दस्तखत कर दिए | कोई बताएगा कि कश्मीर का अवाम उस समय भी उन कवायलियों के ही साथ था या नहीं ?
उसके बाद जमात-ए-इस्लामी के विभिन्न धड़ों ने एकजुट होकर यूनाइटेड मुस्लिम फ्रंट बनाकर 1987 के चुनाव में भागीदारी की | आम मान्यता है कि 1987 के चुनाव कश्मीर के चुनावी इतिहास के सबसे काले चुनाव थे. बड़े पैमाने पर हस्तक्षेप किया गया और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 40 तथा कांग्रेस को 26 सीटें मिलीं जबकि मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट को केवल 4 | भारी पैमाने पर प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर मतदान प्रतिशत 75 तक पहुंचा दिया गया, इस बात को बाद में स्वयं फारूख अब्दुल्ला ने भी एक टीवी इंटरव्यू में स्वीकार किया | और उसके बाद शुरू हुआ 1990 का हिंसक दौर, जिसमें कश्मीर घाटी हिन्दू विहीन बना दी गई | हिंसा का दौर तो अब खत्म हो गया है और एक नया दौर शुरू हुआ है, जिसमें कश्मीर के नौजवान लड़ रहे हैं इस्लाम के नाम पर।

मध्यप्रदेश समाचार
पिछले माह पेज देखे जाने की संख्या
/fa-clock-o/ सप्ताह की लोकप्रिय पोस्ट $type=list
-
जब लोग कहते हैं कि विश्व में केवल एक ही हिन्दू देश है तो यह पूरी तरह गलत है यह बात केवल वे ही कह सकते हैं जो हिन्दू की परिभाषा को नहीं जानते...
-
वैदिक संध्या पूर्णत वैज्ञानिक और प्राचीन काल से चली आ रही हैं। यह ऋषि-मुनियों के अनुभव पर आधारित हैं वैदिक संध्या की विधि से उसके प्रयोज...
-
सिकन्दर लोदी (1489-1517) के शासनकाल से पहले पूरे भारतीय इतिहास में 'चमार' नाम की किसी जाति का उल्लेख नहीं मिलता | आज जिन्हें हम ...
-
( इस लेख का उद्धेश्य किसी वर्ग विशेष की भावनायें आहत करना नहीं बल्कि भगवान बुद्ध के नाम से जातिवाद की गन्दी राजनीति करने वालों की वास्तव...
COMMENTS