भारतीय बाजारों में जिस प्रकार से चीनी वस्तुओं का आधिपत्य दिखाई दे रहा है, उससे यही लगता है कि देश में एक और भारत छोड़ो आंदोलन की महती आवश...
लेकिन आज के वातावरण का अध्ययन करने से पता चलता है कि आज हमारे देश में सैंकड़ों बहुराष्ट्रीय कंपनियां व्यापार के माध्यम से हमारे देश को लूट रहीं हैं। हम अनजाने में विदेशी वस्तुओं को खरीदकर अपने आपको आर्थिक गुलामी की ओर धकेल रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि वर्तमान में भारतीय बाजार चीनी वस्तुओं से भरे पड़े हैं। उसे भारतीय लोग खरीद भी रहे हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि इन वस्तुओं से प्राप्त आय का बहुत बड़ा भाग चीन को आर्थिक संपन्नता प्रदान कर रहा है। भारत के पैसे से जहां चीन आर्थिक समृद्धि प्राप्त कर रहा है, वहीं भारत कमजोर होता जा रहा है। यह सारा काम भारत की ऐसी जनता कर रही है, जो अपने आप को प्रबुद्ध कहती है। इससे ऐसा लगता है कि भारत में एक और भारत छोड़ो आंदोलन की आवश्यकता है। वर्तमान में हम सभी का एक ही उद्देश्य होना चाहिए - चीनी वस्तुएं भारत छोड़ो। इसके लिए जिस प्रकार से जनांदोलन खड़ा करके अंग्रेजों को देश से बाहर किया, उसी प्रकार के जनांदोलन द्वारा देशवासियों को चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करके देश से बाहर करना है।

मध्यप्रदेश समाचार
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