कर्नल पुरोहित की वास्तविक सच्चाई को उजागर करती सत्य की जीत की कथा – आ. ज्ञान प्रकाश वैदिक

कर्नल पुरोहित को 9 साल के बाद आज मुंबई के तलोजा जेल से रिहा कर दिया गया ! सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई थी ! भारतीय सेना के खुफिया मिशन में काम कर रहे कर्नल पुरोहित का सम्मान ऐसा कि उन्हें लेने खुद सेना की गाड़ी जेल पहुंची ! उनकी रिहाई के साथ ही अब इस मामले में बड़ी साजिश का खुलासा होने लगा है ! बताया जा रहा है कि कर्नल पुरोहित सेना की खुफिया विंग के कर्नल थे ! उनका सीक्रेट मिशन था देशभर में पनप रही देशद्रोही ताकतों को बेनकाब करके उसकी रिपोर्ट शासन को देना, ताकि इन मजहबी कट्टरपंथियों के खिलाफ उचित कार्यवाही हो सके ! हर बार वो अपनी रिपोर्ट में जिक्र करते कि देश में मजहबी कट्टरपंथी तेजी से बढ़ रहे हैं और देश के ही खिलाफ साजिश रच रहे हैं ! मगर हर बार उनकी रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया जाता क्योंकि असल मे जिन्हें वो देश के लिए खतरा बता रहे थे वही उस कांग्रेस सरकार के वोटबैंक थे ! अपने खुफिया मिशन के तहत वो ऐसे-ऐसे राज जान गए, जिनमे से कुछ में देश के कई कद्दावर नेताओं के नाम भी शामिल थे ! कर्नल पुरोहित कहीं भांडा ना फोड़ दें, इसलिए उन्हें रास्ते से हटाने के लिए रची गयी साजिश ! ठीक वैसे ही जैसे कश्मीर के मछिल सेक्टर में तैनात कर्नल डी के पठानिया के खिलाफ रची गयी थी और उन से पूछा गया था कि, “ज्यादा देशभक्ति सवार है क्या ?” मगर देशभक्त किसी धमकी से तो दूर मौत से भी नही डरते और बिलकुल ऐसा ही हुआ कर्नल श्रीकांत पुरोहित के साथ ! फिर सत्ता के शहंशाहो ने मोर्चा संभाला ! उसी समय पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी को बेहद गुपचुप तरीके से रिहा कर दिया गया, क्योंकि इस केस में सेना के इस जांबाज़ अफसर को फिट जो करना था ! इसके बाद मेज़ पर बैठ कर कुछ नेताओं और लालची पुलिस वालों ने बनायी पूरी कहानी और शुरू हो गया उस पर अमल\ ! नापाक योजना पर अमल कर के सेना के अफसर और एक साध्वी को घोषित कर दिया गया आतंकी ! आतंक का मजहब नहीं होताका राग अलापने वाली कांग्रेस ने तुरंत हिन्दू आतंकवाद जुमले को गढ़ दिया और अचानक ही कई मीडिया वाले भी अपने लाग-लश्कर के साथ इस मामले में फर्जी ख़बरें दिखाना शुरू हो गए ! मीडिया के भी ठीक वही सुर थे, जो सत्ता के शहंशाहों के थे ! कोंग्रेसी नेताओं ने खुलकर हिन्दू आतंकवाद पर बयान जारी किये ! कोंग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने तो हिन्दू आतंकवाद पर बाकायदा किताब तक लिख डाली ! धूर्तता की हद तो ये थी कि ये नेता 26/11 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले को भी हिन्दू आतंकवाद से जोड़ रहा था ! कसाब पकड़ा गया और इनकी इस योजना पर पानी फिर गया !

बहरहाल वहां मेज पर बैठकर रची गयी पटकथा के अनुसार कार्यवाही शुरू कर दी गयी ! निर्दोष ऐसे ही तो किसी गुनाह को अपने सर पर लेगा नहीं, ऊपर से सेना का अफसर तो बिलकुल भी नहीं ! इसलिए कर्नल का टार्चर करने के लिए जो रास्ता अपनाया गया, वो शायद कुलभूषण के लिए पाकिस्तान ने भी नहीं अपनाया हो अब तक ! कर्नल पुरोहित को उल्टा लटकाया गया. उनके दोनों हाथों को बांध कर उनके पैरों के तलवो पर लाठियों की बरसात की गई ! फिर एक पुलिस वाले ने पूछा कि घुटनो पर चोट कैसे लगी तो उन्होंने बताया कि कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान एक गोली लगी थी, जिसका ऑपरेशन है ये और ये अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है ! लालच से भरे पुलिस वालों ने ये बात ऊपर सत्ता के शहंशाहों से बताई तो ऊपर से जवाब आया – “जहां घाव है उसी पर मारो” ! बस फिर क्या था, शहंशाहों के आदेश की गुलामों ने तुरंत तामील की और कर्नल को तब तक मारा गया, जब तक वो बेहोश नहीं हो गए ! उन्हें होश में लाया गया और गुनाह कबूलने को कहा गया ! मना करने पर उन्हें फिर तब तक मारा गया, जब तक वो फिर से बेहोश नहीं हो गए ! भारत मे ही मौत से बदतर प्रताड़ना झेलता वो कर्नल था, जिसने भारत की रक्षा के लिए वर्दी पहनी थी और उस वर्दी का कर्ज वो बाखूबी अदा भी कर रहा था ! जिसने देश की रक्षा के लिए आतंकियों की गोली खायी थी, सेना का वही अफसर अपने ही देश में कालकोठरी में 9 सालों तक अंतहीन प्रताड़ना झेलता रहा ! काफी कोशिशों के बावजूद मुंबई एटीएस अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पायी, पुख्ता सबूत मिल ही नहीं रहे थे ! तो साजिश को नया मोड़ दिया गया ! कोशिश की गयी कि मामले को ज्यादा से ज्यादा लंबा खींचा जाए, उस दौरान कर्नल की जमानत ना होने दी जाए बस, क्योंकि यदि बाहर आ गए तो चुनाव से पहले कांग्रेस का भांडा फोड़ सकते हैं ! भारतवर्ष का एक जांबाज़ फौजी, देशभक्ति की ऐसी सज़ा उनसे पाता रहा, जिनके हाथों में देश की बागडोर थी ! सेना का ऐसा टॉर्चर शायद किसी दुश्मन देश ने भी न किया रहा हो ! लेकिन सेना का ये बहादुर अफसर अंत तक बर्दाश्त करता रहा, टूटा नहीं ! इस उम्मीद में कि कभी तो सच की जीत होगी ही होगी ! और अंत में वो वक़्त आ गया, जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत आखिरकार मंजूर कर ही ली ! लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है, तब तक ख़त्म नहीं हो सकती जब तक उन पुलिसिया दलालों और सत्ता के भूखों को कानूनन सजा नहीं मिल जाती !

आचार्य ज्ञानप्रकाश वैदिक
देव स्वामी आश्रम जलालपुर (गौतमबुद्ध नगर )उत्तर प्रदेश
7357329662

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