ऑपरेशन जिहाद माफिया: केरल में चल रहे धर्मांतरण के कारखाने हुए बेनकाब




केरल में पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर आरोप है कि वह हिंदू महिलाओं का ब्रेन बास कर उन्हें मुस्लिम पुरुषों के साथ शादी करने को प्रेरित करने का अभियान चलाये हुए है । अब इसकी जांच एनआईए को सोंपी गई है |

ऊपरी तौर पर तो यह संगठन अपने आप को विविधता में एकता का पक्षधर प्रदर्शित करता है, किन्तु इस पर लगातार धर्मांतरण, हवाला फंडिंग, प्राणघातक हमलों और आतंक के आरोप लगते रहे हैं ।

स्वयं को गैर-लाभकारी संगठन बताने वाले इस संगठन को हाल ही में इंडिया टुडे ने पूरी तरह बेनकाब कर दिया है | इण्डिया टुडे के पत्रकारों के सम्मुख पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के शीर्ष पदाधिकारियों ने बड़े पैमाने पर किये जा रहे धर्मांतरण तथा उस कार्य के लिए अवैध वित्तपोषण को खुले आम स्वीकार किया है तथा अपना अंतिम लक्ष्य भी बताया है - भारत को एक ईश्वरीय इस्लामी राज्य में बदलने का ।

स्मरणीय है कि मई में जब एक महिला के पिता ने केरल उच्च न्यायालय में अपील दायर की कि उसकी लड़की को फुसलाकर धर्मांतरण किया गया है, तथा उसे आतंकी बनाने की साजिश रची जा रही है, तब उच्च न्यायालय ने उसके विवाह को समाप्त कर दिया था। इस मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जा रही है।

पिछले दिनों इण्डिया टुडे के मुखबिर पत्रकारों के सम्मुख आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सदस्य जैनबा ने पोपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया के गहरे और गुप्त रहस्यों को साझा किया था, कि किस प्रकार इस संगठन की सहयोगी संस्था सत्य सारणी बड़े पैमाने पर धर्मांतरण को अंजाम दे रही है |

इण्डिया टुडे के पत्रकारों द्वारा यह पूरा वार्तालाप टेप कर लिया गया, जिसमें जैनबा कहती है - "हमारी इस संस्था द्वारा पिछले 10 सालों में करीब 5000 लोगों को धर्मान्तरित कर मुसलमान बनाया गया है | धर्मान्तरित लोगों में हिन्दू और ईसाई दोनों शामिल हैं " । 

केरल में धर्मांतरण एक चर्चित मुद्दा और भावना प्रधान मुद्दा है | मलप्पुरम में अपने घर पर, जैनबा और उनके पति, अली ने कई गैर-मुस्लिम महिलाओं को इस्लाम में धर्मान्तरित करने का खुलासा किया था |

ज़ैनबा ने खुलासा किया कि एक महिला जो पहले शुभा कहलाती थी, "वह अब फातिमा है।" 

रिपोर्टर ने पूछा - "अब तक कितने गैर-मुसलमानों ने धर्म परिवर्तन किया है?" 

ज़ैनबा ने जवाब दिया, "बहुत से लोगों ने "

उसने धर्मांतरण की पूरी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया | उसने बताया कि धर्मांतरण के केन्द्रों को सजगता बरतते हुए स्वयं को धर्मार्थ या शैक्षिक संस्थानों के रूप में प्रदर्शित करना पड़ता है
"हम आधिकारिक रूप से इसे धर्मांतरण केंद्र घोषित नहीं कर सकते । इसके लिए बड़ी तैयारी करनी पड़ती है | संसाधनों की खातिर पहले एक ट्रस्ट बनाया जाता है, फिर उसके द्वारा एक शैक्षिक संस्थान चलाया जाता है, जिसकी आड़ में यह कार्य अच्छी प्रकार हो पाता है । भर्ती होने वाले अन्य धर्मों के बच्चों का ब्रेन बॉस आसान हो जाता है |"

उसने खुलासा किया कि इस तरह के गुप्त केंद्रों के पंजीकरण के लिए कम से कम 15 सदस्यों का एक ट्रस्ट बनाना आवश्यक होता है।

ज़ानेबा ने समझाया - "बाद में, हमें परिसर के लिए जगह का चयन करना होता है, जिसमें नमाज के लिए एक मस्जिद, आवास, एक अच्छी तरह से सुसज्जित संस्थान (जैसे कि सत्य सारणी) आदि हो । फिर हमें सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम के तहत सरकार द्वारा ट्रस्ट को पंजीकृत कराना होता है ।"

इसके बाद जैनबा ने बताया कि कैसे धर्मान्तरित लोगों का पीएफआई द्वारा नाम-परिवर्तन प्रमाण पत्र बनवाया जाता है ।

उसने बताया कि इसके दो तरीके हैं, पहला तो यह कि कुछ संस्थानों से प्रमाण पत्र प्राप्त करना कि इस व्यक्ति ने व्यक्ति ने इस्लाम को स्वीकार कर लिया है, और दूसरा घोषित हलफनामे पर नोटरी द्वारा ।

इंडिया टुडे द्वारा रहस्योद्घाटन के बाद एनआईए ने पीएफआई पर आतंकवादी संबंधों और हवाला फाइनेंसिंग का भी आरोप लगाया है । यह अलग बात है कि संगठन के लोगों ने इसका खंडन किया है |

लेकिन दूसरी ओर इंडिया टुडे के पत्रकारों ने जब छद्म पहचान के साथ पीएफआई के ही एक संस्थापक सदस्य से नई दिल्ली में मुलाकात की, तो उसने स्वीकार किया कि संगठन का उद्देश्य एक इस्लामी राज्य बनाने का है।

पीएफआई के संस्थापक सदस्य और उसके मुखपत्र गल्फ तेजस के प्रबंध संपादक अहमद शरीफ ने अवैध धन संग्रह को स्वीकार किया ।

जब शरीफ से पूछा गया कि क्या पीएफआई और सत्य सरणी का गुप्त उद्देश्य भारत में इस्लामी राज्य की स्थापना का है ? उसका उत्तर था - "केवल भारत क्यों ? पूरी दुनिया में यही मकसद है । पहले भारत को एक इस्लामी राज्य बनाने लें, फिर उसके बाद दूसरे मुल्कों में भी जाएंगे। "

उसने यह भी बताया कि उसने पांच साल पहले मध्य पूर्व से पीएफआई के लिए हवाला के माध्यम से धन जुटाया ।

शरीफ ने कहा "उस समय, 10 लाख रुपये या कुछ अधिक आये थे " ।

"दस लाख? पर ये आप तक पहुंचे कैसे? "रिपोर्टर ने पूछा

"हवाला से " उसने जवाब दिया | उसने स्वीकार किया कि पीएफआई और सत्य सारणी दोनों को गैरकानूनी हवाला चैनलों के जरिये धन मिला था।

धर्मांतरण के इस खुलासे के बाद विभिन्न प्रतिक्रियायें -

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए और इन नेताओं पर मुकदमा चलाना चाहिए। आपकी जांच से पता चलता है कि पीएफआई, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, एक संगठित रैकट है, जो मनोवैज्ञानिक तरीके से दिमाग की सफाई कर आतंकी समूह बना रहे हैं |

"अपने आप को एनजीओ बताने वाले ये लोग कहते तो है कि वे शांति के लिए खड़े हैं, किन्तु आपके चैनल ने इनके घिनौने चेहरे उजागर कर दिए हैं। आपने यह एक बहुत अच्छा काम किया है। आपको मेरी शुभकामनाएं और बधाई " ।

भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा - " यह एक साधारण मामला नहीं है, यह बेहद चिंताजनक है, आपके चैनल ने इस पूरे कुचक्र को बहुत अच्छे तरीके से उजागर किया है " |

जबकि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के मीडिया समन्वयक इलियास शारफुद्दीन ने बहुत ही हास्यास्पद प्रतिक्रिया दी | उन्होंने कहा कि "उच्च जाति के हिंदुओं ने निम्न जाति के हिंदुओं को बहुत परेशान किया है, जिसके कारण वे लोग समानता, न्याय और शांति के लिए इस्लाम को स्वीकार कर रहे हैं । चूंकि मध्यप्रदेश में आईएसआई के सदस्य पकडे गए हैं, अतः सरदार वल्लभ भाई पटेल के नक्शेकदम का अनुसरण करते हुए भाजपा और उसके अभिभावक संगठन आरएसएस को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। 

इस बीच, “इंडिया टुडे” के इस “ऑपरेशन ऑफ़ कनवर्ज़न फ़ैक्टरी” द्वारा उद्घाटित तथ्यों की एनआईए भी जांच कर रहा है । एजेंसी ने इंडिया टुडे से जांच की पूरी रिकॉर्डिंग मांगी है ।

सूत्रों का कहना है कि एनआईए इंडिया टुडे की जांच के निष्कर्षों की जांच करेगा।


साभार : इंडिया टुडे

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