नेहरू परिवार की बेरुखी के चलते राजनीति में हाशिए पर ही रहीं पटेल की संताने

SHARE:

कांग्रेस पार्टी में हमेशा से ही नेहरू-गाँधी परिवार का एकछत्र राज रहा है ! आजादी के पहले से ही कांग्रेस पार्टी नेहरू खानदान की प्राइवेट क...

कांग्रेस पार्टी में हमेशा से ही नेहरू-गाँधी परिवार का एकछत्र राज रहा है ! आजादी के पहले से ही कांग्रेस पार्टी नेहरू खानदान की प्राइवेट कंपनी बन चुकी थी ! कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर पहले मोती लाल नेहरू काबिज़ हुए, उसके बाद स्वयं उन्होंने ही अपने बेटे जवाहर लाल नेहरू को अध्यक्ष पद पर बिठाया, उसके बात तो यह एक परिपाटी ही चल पड़ी और अभी तक आप देख सकते हैं कि एक-दो अपवाद को छोड़ दिया जाए तो कोई भी अन्य पार्टी कार्यकर्ता अध्यक्ष पद पर नहीं बैठ पाया और अगर कोई अध्यक्ष बना भी तो उसकी कुर्सी हमेशा ही खतरे में रही ! उदाहरण थे सीताराम केसरी, जिन्हे बेइज्जत करके कांग्रेस पद से हटाया गया था !

सरदार वल्लभ भाई पटेल के बाद उनके बेटे और बेटी भी भारतीय राजनीति में रहे ! वो कई बार लोकसभा तक भी पहुंचे ! लेकिन धीरे धीरे उनका प्रभामंडल कम होता गया ! कहा जा सकता है कि नेहरू परिवार ने वल्लभ भाई पटेल के बेटे और बेटी को सांसद तो बनाए रखा लेकिन वो महत्व नहीं दिया, जिसके वो हकदार थे ! नेहरू और फिर इंदिरा गांधी ने पटेल की संतानों को किनारे ही किए रखा ! पटेल की बेटी मनिबेन सक्षम राजनीतिज्ञ थीं ! उनके अच्छे संपर्क भी थे ! बावजूद इसके उनका राजनीति में जगह नहीं बना पाना हैरान करता है ! सत्तर के दशक में पटेल के बेटा और बेटी दोनों का कांग्रेस से मोहभंग हो गया ! उनका मानना था कि कांग्रेस को नेहरू परिवार ने हड़प लिया है ! पटेल की बेटी मनिबेन पटेल ज्यादा प्रखर और सक्रिय थीं ! बेहद ईमानदार ! आजीवन अविवाहित रहीं ! वर्ष 1988 में उनका निधन हुआ !

मनिबेन गुजरात कांग्रेस में असरदार पदों पर रहीं ! कई संस्थाओं में आखिरी समय तक ट्रस्टी या पदाधिकारी भी रहीं ! मनिबेन लोकसभा के लिए गुजरात के दक्षिणी कैरा से सांसद चुनी गईं ! फिर दूसरी बार आणंद से सांसद बनीं ! वर्ष 1964 से लेकर 1970 तक राज्यसभा की सदस्य रहीं ! जब कांग्रेस टूटी तो उन्होंने मोरारजी देसाई के साथ स्वतंत्र पार्टी की सदस्यता ले ली ! हालांकि इसके बाद हालात ऐसे बने कि उन्हें फिर कांग्रेस में लौटना पड़ा ! आपातकाल के विरोध में वह फिर इंदिरा गांधी की कांग्रेस (आई) छोड़कर कांग्रेस (ओ) में चली गईं ! 1977 में उन्होंने जनता पार्टी के टिकट पर मेहसाणा से लोकसभा चुनाव लड़ा. निर्वाचित हुईं !

पटेल के बेटे दहयाभाई पटेल का निधन 1973 में हुआ ! वह पढाई के बाद मुंबई की एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करने लगे थे ! उनके दो बेटे थे-बिपिन और गौतम ! बिपिन पहली पत्नी से और गौतम दूसरी पत्नी से ! दरअसल उन्होंने पहली पत्नी यसोदा के निधन के बाद दूसरी शादी की थी ! दहयाभाई आजादी की लड़ाई में भी कूदे ! जेल गए ! आजादी के बाद उन्होंने 1957 का लोकसभा चुनाव लड़ा ! 1962 में राज्यसभा सदस्य चुने गए ! दाहया के बड़े बेटे बिपिन का वर्ष 2004 में निधन हो गया ! उनकी कोई संतान नहीं थी ! दूसरे बेटे गौतम जिंदा हैं ! कुछ साल तक वह अमेरिका में यूनिवर्सिटी में पढाते रहे फिर भारत लौट आए ! अब वडोदरा में रह रहे हैं ! पटेल के परिवार से जुड़े कुछ और लोग आणंद में रहते हैं, वो बिजनेस में हैं !

मनिबेन के बारे में अमूल के संस्थापक कूरियन वर्गीज ने अपनी किताब में जो जिक्र किया है, वो पढने लायक है ! दरअसल कूरियन जब आणंद में थे, तब मनिबेन से उनकी अक्सर मुलाकातें होती थीं, वह सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहती थीं ! उन्होंने किताब में लिखा कि मनिबेन ने उनसे बताया कि जब सरदार पटेल का निधन हुआ तो उन्होंने एक खाताबुक और एक बैग लिया ! दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू से मिलने चली गईं ! नेहरू को इसे सौंप दिया ! पिता का निर्देश था कि उनके निधन के बाद इसे केवल नेहरू को सौंपा जाए ! बैग में 35 लाख रुपए थे ! खाताबुक कांग्रेस पार्टी की थी ! नेहरू ने इसे लिया ! इसके बाद वह इंतजार करती रहीं कि शायद नेहरू कुछ बोलें ! जब ऐसा नहीं हुआ तो वह उठीं और चली आईं ! कूरियन ने उनसे पूछा, "आप नेहरू से क्या सुनने की उम्मीद कर रही थीं," जवाब था, "मैने सोचा शायद वह ये पूछेंगे कि मैं अब कैसे काम चला रही हूं या मुझको किसी मदद की जरूरत तो नहीं लेकिन ये उन्होंने कभी पूछा ही नहीं !" निःसंदेह वह आहत हुईं ! हैरानी है कि उस दौर में कांग्रेस के ज्यादातर दिग्गज नेता भी उनसे कन्नी काटने लगे ! इसमें ज्यादातर ऐसे नेता भी थे, जिनकी कभी न कभी सरदार पटेल ने मदद की थी !

पटेल के निधन के बाद बिरला ने उनसे बिरला हाउस में रहने को कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया ! तब उनके पास ज्यादा धन भी नहीं था ! वह अहमदाबाद में रिश्तेदारों के यहां चली गईं ! वह बस या ट्रेन में तीसरे दर्जे में सफर करती थीं ! अपने अंतिम दिनों में मणिबेन की आँखें कमजोर हो गयी थी, उनके पास 30 साल पुराना चश्मा था पर उनकी आँखें इतनी कमजोर हो गयी थी की चश्मे का नंबर बढ़ गया था, नए चश्मे की जरुरत थी, पर मणिबेन के पास चश्मा खरीदने का भी पैसा नहीं था, वो अहमदाबाद की सड़कों पर चलते हुए गिर जाया करती थी !

उस ज़माने में कांग्रेस के गुजरात में मुख्यमंत्री थे चिमनभाई पटेल, जब चिमनभाई पटेल को पता चला की मणिबेन अस्वस्थ है तो वो एक फोटोग्राफर को लेकर उनके पास पहुंचे और उसने उनके साथ तस्वीर खिंचवाई ! यह तस्वीर अख़बारों में भी छपी, कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने तस्वीर के लिए मणिबेन से मुलाकात की थी ! उसके बाद मणिबेन का देहांत हो गया, मणिबेन की शवयात्रा में एक भी बड़ा कांग्रेसी नेता शामिल नहीं हुआ !

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,24,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,10,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,89,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1126,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,902,शिवपुरी समाचार,322,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : नेहरू परिवार की बेरुखी के चलते राजनीति में हाशिए पर ही रहीं पटेल की संताने
नेहरू परिवार की बेरुखी के चलते राजनीति में हाशिए पर ही रहीं पटेल की संताने
https://2.bp.blogspot.com/-quptN08CqNM/WlYfSooSynI/AAAAAAAAJpQ/RfoKUd2QC_wjGWNn-0R3nvSHAEc_WTr7gCLcBGAs/s640/manibn.jpg
https://2.bp.blogspot.com/-quptN08CqNM/WlYfSooSynI/AAAAAAAAJpQ/RfoKUd2QC_wjGWNn-0R3nvSHAEc_WTr7gCLcBGAs/s72-c/manibn.jpg
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2018/01/Patel-son-daughter-remained-marginal-in-politics-due-to-Nehru-family.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2018/01/Patel-son-daughter-remained-marginal-in-politics-due-to-Nehru-family.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy