श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या को आशीर्वाद देने से किया इनकार !


निकट भविष्य में होने वाले कर्नाटक विधान सभा चुनाव में समर्थन की उम्मीद से श्रृंगेरी पीठ पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या उस समय हक्केबक्के रह गए जब श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य ने उन्हें आशीर्वाद देने के स्थान पर उनके हिंदुत्व विरोधी रवैय्ये पर नसीहत दे डाली |

बैठक के समय जगदगुरु ने राहुल और सिद्धरमैय्या से कहा कि यदि आप हिंदू धर्म के प्रति असहिष्णुता रखते हैं, तो कृपया हिंदू धर्म से दूर ही रहें, बजाय इसके कि आप अपने कार्यों से हिंदू धर्म के अन्दर बैमनस्य पैदा करें । 

समझा जा सकता है कि जगद्गुरू की यह टिप्पणी हाल ही में कर्नाटक सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने को लेकर की थी | 

शंकराचार्य जी ने दोनों नेताओं से सवाल किया कि हिंदू मठ और मंदिरों ने क्या गलत किया है, जो मंदिरों का प्रबंध सरकार ने अपने हाथों में लिया है | इतना ही नहीं तो चढोतरी के रूप में आने वाले धन की राशि से मंदिरों का पुनर्निर्माण करने के स्थान पर दूसरे धर्म के कल्याण के लिए वही धन खर्च किया जाता है | यह स्वीकार्य नहीं है | 

इतना ही नहीं तो जगदगुरु ने उन दोनों से दो टूक कहा कि, "यह अच्छा है कि आप हमारे मठ में पधारे, लेकिन आप जिस प्रकार हिंदू-विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं, हम आपको आशीर्वाद प्रदान नहीं कर सकते हैं। "

दोनों राजनेताओं को जगदगुरु से ऐसी तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। दोनों बेहद सकपका गए और बैठक से निकलने के बाद इस उधेड़बुन में लग गए कि जगदगुरु की प्रतिक्रिया मीडिया तक पहुंचने से कैसे रोकी जाये ।

मठ से जुड़े हुए सभी भक्तगण व कर्मचारी जगदगुरु की प्रतिक्रिया जानकर आनंद से झूम उठे और सबने अविलम्ब इसे हर स्तर पर साझा किया ।

पुनश्च - जरा राहुल और सिद्धरमैया के वस्त्रों पर ध्यान दीजिये | इन लोगों को भेंट की अनुमति तब दी गई, जब स्नान उपरान्त इन लोगों ने मठ द्वारा दिए गए शुभ्र वस्त्र धारण किये |

आधार: जगदीशचंद्र बी, संपादक, हिंदुत्व-बंधुत्व, मासिक पत्रिका

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