काली जुबान - काला दिल - काली करतूतें - राजनीति का बदनाम चेहरा - आजम खान !


सपा नेता आज़म खान अर्थात एक बदजुबान नेता | एक ऐसे नेता जिनका और विवादों का चोली दामन जैसा नाता है | भारतीय सेना को बलात्कारी घोषित करने वाले आजम खान, दलितों की जमीन हड़प कर अपने पुरखों के नाम पर “मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय” बनाते है, जमीन हड़पने के विरोध में आवाज उठाने वाले दलितों के खिलाफ भैंस चुराने के झूठे मुकदमे दर्ज करवाते है, संवैधानिक पदों और अधिकारियों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते है, धर्म, जात के नाम पर वोट की अपील करते है, भारत के प्रधानमंत्री को लेकर अनर्गल बयानबाजी करते है, योगी सरकार को नपुंसक बताते है, खुद एक वकील होते हुए मुसलमानों से कुरान के अलावा किसी भी कानून को न मानने की बात कहते है | 

कल्पना कीजिये कि यदि इस तरह के बयान किसी हिंदुत्ववादी नेता ने दिए होते तो भारत की सेक्युलर मीडिया टीवी चैनलों पर विधवा विलाप शुरू कर चुकी होती | तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग सड़कों पर केंडल लेकर उतर चुका होता | परन्तु जयाप्रदा के अंतः वस्त्र पर आजम खां की अमर्यादित टिपण्णी सुन कर भी सेक्युलर मीडिया चुप है, तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग छुट्टी पर है | 

क्या आजम खान जैसे लोगों की यही है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ? क्या यह शख्स अपने विवादित बयानों और बदजुबानी के कारण भारत में तालिबानी सोच का चलता फिरता उदाहरण दिखाई नहीं देता ? पहले अमर सिंह की बेटी को तेजाब से नहलाने की धमकी देने वाला, अब जयाप्रदा को लेकर बेहूदा टिपण्णी करने वाले इस व्यक्ति को अगर कल अखिलेश ने सपा से निकाल दिया तो कल यह अखिलेश की बहन बेटी के विषय में भी बोलने से पीछे नहीं हटेगा क्योँकि ऐसी मानसिकता के लोग किसी के नहीं होते | 

आजम खान के विवादित बयान 

योगी सरकार को बताया नपुंसक 

उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक धरना सभा को संबोधित करते हुए आजम खां ने सारी हदें पार करते हुए योगी सरकार को नपुंसक बता डाला था | आजम खान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन्हें 302 का मुलजिम बताते हुए एक संवैधानिक पद पर होने पर सवाल खड़े किए। 

मुसलमान सिर्फ कुरान को मानता है, मुसलमान वही मानेगा और कोई कानून नहीं। 

संसद में तीन तलाक पर बहस के दौरान उन्होंने कहा कि मुसलमान सिर्फ कुरान को मानता है। उन्होंने कहा कि जो कुरान में कहा गया है, मुसलमान वही मानेगा और कोई कानून नहीं। आजम खान ने कहा, “जो मुसलमान हैं, जो कुरान को मानते हैं, वे जानते हैं कि तलाक का पूरा प्रोसीजर कुरान में दिया गया है। हमारे लिए उस प्रोसीजर के अलावा कोई कानून मान्य नहीं है। सिर्फ कुरान का कानून ही मुसलमानों के लिए मान्य है।” ये हमारा मजहबी मामला है। मुसलमानों के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड है। ये हमारा व्यक्तिगत मामला है कि मुसलमान कैसे शादी करेंगे? कैसे तलाक लेंगे?” इस दौरान आजम खान ने एक के बाद एक कुतर्क पेश किये। उन्होंन आगे कहा था कि, “सरकार पहले उन महिलाओं को न्याय दिलाए जिन्हें उनके पतियों ने छोड़ दिया है। जो सड़कों पर घूम रही हैं। सरकार उन महिलाओं को न्याय दे जो गुजरात और अन्य जगह के दंगों की पीड़ित हैं।” 

वरिष्ठ पत्रकार ने आजम खान पर भारतीय सेना के काफिले पर पत्थर फेंकने का लगाया था आरोप 

वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ ने आजम खान को लेकर एक बड़ा खुलासा किया था कि जब 1965 में भारत-पाक के बीच युद्ध चल रहा था उस समय समाजवादी पार्टी के विवादित नेता आजम खान भी भारतीय सेना पर हमला करने में शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आजम खान ने भारतीय सेना पर पत्थरबाजी की थी। लखनऊ के Amity Law School के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को लेकर यह बड़ा खुलासा किया था | 

उन्होंने कहा था, “अच्छे लोगों को इतिहास में दफन कर दिया जाता है और चोर उच्चके, लुटेरों को किस तरह से महान बना देता है। इसका एक नमूना है उत्तर प्रदेश में एक सरकार में मंत्री रहा एक शख्स, जो  इत्तेफाक से उसी यूनिवर्सिटी से पढ़ा था जिससे मैं पढ़ा था। मुलायम सिंह की सरकार में उस मंत्री का नाम था आजम खान। 

रामपुर के अंदर यह शख्स अपने कॉलेज के दिनों में 50 लड़कों की एक टोली बनाता है, और रामपुर कैंटोनमेंट एरिया से जो फौजी सेना बॉर्डर पर जा रही थीं उनके खिलाफ सड़के खोदी जाती हैं और उनपर पथराव किया जाता है। इसी सिलसिले में उसे गिरफ्तार करके पिटाई की गयी और रामपुर के अस्पताल ले जाया जाता है तो उस वक्त के आईबी ऑफिसर उसे शहर छोड़ने के लिए कहते हैं। उस दिन से उस कायर आजम खान ने शहर छोड़ा और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जाकर छुप जाता है। फिर वहां से निकलकर हिन्दुस्तान के एक राज्य में वो मंत्री बन जाता है। जिसने देश के सैनिकों पर पत्थर फेंके, हिंदुस्तान के खिलाफ पत्थर चलाये वो इस देश के अंदर एक राज्य का मंत्री बन जाता है।” 

पत्रकार पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि ये दुखद है कि हमारे इतिहास में कुछ चीजों को जानबूझकर दबा दिया जाता है या उसे सामने आने से रोक दिया जाता है। आज के समय में ये बहुत जरुरी हो गया है कि सच को बिना घुमाये या छुपाये आम जनता के सामने रखा जाये। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने सही कहा भारत की राजनीति के इतिहास में कई ऐसे राज दफन है जिसे कभी सामने आने नहीं दिया गया बस अपने हित के लिए जानबूझकर झूठ और आधा सच दिखाया गया। 

आजमखान ने दलितों की जमीन हड़पी 

‘आजम खान’ ने रामपुर में अपने पुरखों के नाम पर मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय बनाया। आरोप है कि उन्होंने इसके लिए दलितों की जमीन हड़प ली। इतना ही नहीं उन्होंने अपने विश्वविद्यालय के लिए गांव का रास्ता भी बंद करवा दिया। जमीन हड़पने के विरोध में आवाज उठाने वाले दलितों के खिलाफ भैंस चुराने के झूठे मुकदमे करवा दिए। आजम के अत्याचार से पीड़ित दलित न्याय के लिए दर-दर भटकते रहे, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, लेकिन उन लोगों का सरकारी उत्पीड़न होता रहा। चूंकि प्रदेश में आजम खान की ही सरकार थी इसलिए उन दलितों को न्याय मिलना तो दूर उनकी आवाज तक दबा दी गई | योगी सरकार ने दलितों की सुध ली । रामपुर आयकर परिषद ने बिना अनुमति लिए दलितों की जमीन हड़पने के मामले में उन्हें नोटिस भेजा । 

आरोप है कि आजम खान ने समुचित प्राधिकरण से बगैर अनुमति लिए ही जबरदस्ती दलितों की जमीन खरीदी थी। बताया गया है कि आजम खान ने सत्ता के बल पर सरकारी जमीन के साथ गरीब किसानों की जमीन पर कब्जा जमा लिया, और अब उस पर जौहर विश्वविद्यालय बना रहे हैं। आजम खान जो यूनिवर्सिटी बना रहे हैं उसी नाम से एक ट्रस्ट भी बना रखा है। उस ट्रस्ट के अधिकांश सदस्य उनके परिवार के लोग या रिश्तेदार ही हैं। 

सबसे खास बात यह है कि इस विश्वविद्यालय को उन्होंने साल 2013 में ही अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त कर लिया। इतना ही नहीं उन्होंने यूपी के तत्कालीन कार्यकारी राज्यपाल अजीज कुरैशी से खुद को अपने विश्वविद्यालय का आजीवन कुलिपत भी घोषित करवा लिया। ये सब उन्होंने तभी करवा लिया जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और वे खुद मंत्री थे। 

आजम के परिवार द्वारा संचालित मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट पर धन उगाही का भी आरोप है। आजम खान पर एक प्रकार से भू-माफिया की भांति काम करने का आरोप है, कहा गया है कि उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां रामपुर पब्लिक स्कूल चला रहे हैं। स्कूल तो महज बहाना है असली मंशा तो जमीन हड़पने की है। 

जया प्रदा के खिलाफ विवादित बयान देने के बाद चौतरफा घिरे आजम खान 

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां रामपुर से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी जया प्रदा के खिलाफ विवादित बयान देने के बाद चौतरफा घिर गए हैं। अखिलेश यादव की मौजूदगी में दिए आजम के इस बयान पर एक तरफ जहां महिला आयोग उन्हें नोटिस भेजने की बात कह रहा है, वहीं सोशल मीडिया पर भी पार्टी की खूब फजीहत हो रही है। भाजपा नेता भी आजम के मर्यादा लांघने वाले इस बयान को लेकर उन्हें बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आजम के इस बयान पर सपा के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव से अपील की है। 

आजम खां के बयान पर टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर लिखा, 'मुलायम भाई, आप पितामह हैं समाजवादी पार्टी के। आपके सामने रामपुर में द्रौपदी का चीरहरण हो रहा है। आप भीष्म की तरह मौन साधने की गलती मत करिए।' उन्होंने ट्वीट में समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, समाजवादी पार्टी की नेता और फिल्म अभिनेत्री जया भादुरी के साथ-साथ डिंपल यादव को भी टैग किया है। 

वारयल हुए वीडियो के मुताबिक, रामपुर में अखिलेश की मौजूदगी में एक चुनावी सभा में खां ने कथित तौर पर कहा, ‘रामपुर वालों, उत्तर प्रदेश वालों, हिंदुस्तान वालों! उसकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लग गए। मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का जो अंडरवियर है वह भी खाकी रंग का है। मैं 17 दिन में पहचान गया, आपको पहचानने में 17 बरस लगे, 17 बरस।’ हालांकि, आजम खान ने इस वीडियो में जयाप्रदा का नाम नहीं लिया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसे जया के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के रूप में पेश कर रही है। 

आजम खां के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया था। इसके साथ ही शर्मा ने कहा था कि महिला आयोग आजम को एक कारण बताओ नोटिस भेज रहा है। खान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शर्मा ने ट्वीट किया कि NCW चुनाव आयोग से यह भी अनुरोध करेगा कि उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया जाए। यही नहीं, इस मामले में सपा नेता के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। 

सोशल मीडिया पर भी आजम का बयान ख़ासा चर्चा में है | एक फेसबुक पोस्ट में समाजवादियों को कुछ इस प्रकार चेताया गया – 

आजम खान 10 साल बाद डिंपल भौजी की चड्ढी का रंग भी बतायेगा समाजवादियों.... 

तब तक आप मुस्लिम यादव (MY) एकता की डुगडुगी बजाते रहो... 

आजम खान ने यह सब एक समाजवादी नेता की हैसियत से नही बोला... 

बल्कि उस विकृत सोच सोच के नजरिये से बोला है जो हजारो सालो से पूरी दुनिया को डराती आई है... 

जिसमें महिलाओं को केवल और केवल एक खेत जैसा निर्जीव समझा जाता है... 

कल मंच पर अखिलेश भी थे और इस बयान के बाद हंस भी रहे थे.... 

वे नहीं जानते कि इस विकृत मानसिकता का निशाना आज जयाप्रदा हैं, तो कल डिम्पल भौजी भी हो सकती हैं... 

जागो भारत जागो और इस विकृत मानसिकता को माकूल जबाब दो !
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