अपराध समाचार - वृद्ध के साथ मारपीट, अवैध रेत परिवहन करते डम्पर जब्त,


अमोला पुलिस ने अबैध रेत का परिवहन करते हुए एक डम्फर जप्त किया 
अमोला पुलिस की दूसरी सक्रिय कार्यवाही 


अमोला थाना अन्तर्गत आने बाली आमोलपठा पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम गनेशखेडा नदी पर सोमवार की रात करीब 2 बजे अमोला व आमोलपठा पुलिस ने अबैध रेत का परिवहन करते हुए एक डम्फर को पकड़कर जप्त किया है। 

पुलिस ने जप्त किये डंम्फर को आमोलपठा पुलिस चौकी परिसर में रखवा दिया है। डंफर किसी अन्नू तिबारी शिवपुरी का बताया जा रहा है। बही वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार मुखबिर द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी कि एक डम्फर अबैध रेत से भरा गनेशखेडा नदी पर धुल रहा है। 

मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान पर पहुंचे तो एक डम्फर अबैध रेत से भरा धुलाई सेन्टर पर धुल रहा था जिसको पुलिस ने पकड़कर जप्त कर लिया, साथ ही डम्फर के खिलाफ अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रस्ताव बनाकर संबंधित बिभाग के अधिकारियों को भेज दिया है । डंम्फर पकडने में अमोला थाना प्रभारी कैलाश नारायण शर्मा, प्रधान आरक्षक रमेश कुमार शर्मा , प्रधान आरक्षक दिनेश सिंह यादव ,पुलिस आरक्षक आलोक जैन, पुलिस आरक्षक संजीव श्रीवास्तव, पुलिस आरक्षक नरेन्द्र पाल, पुलिस आरक्षक पबन राठौर, पुलिस आरक्षक जसपाल सिंह की सराहनीय भूमिका रही।

जिला परिवहन कार्यालय में वृद्ध के साथ मारपीट। 

परिवहन कार्यालय में सेवाएं दे रहे होमगार्ड के जवानों ने, जिला परिवहन कार्यालय में अपने लायसेंस को लेकर पहुचे वृद्ध महेंद्र महाजन के साथ मारपीट कर दी गई,जिसकी शिकायत महेंद्र महाजन ने पुलिस से भी की है। 

स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले सामाजिक व धार्मिक कार्यो में सक्रिय रहने वाले महेंद्र महाजन परिवहन कार्यालय में अपने लायसेंस को लेकर गए, वहाँ उनकी किसी बात पर कुछ कहा सुनी हुई, जिस पर से होमगार्ड के जवानों ने उनके साथ हाथापाई कर दी। 

किन कारणों से ये विवाद हुआ इस मामले में जब जानकारी लेनी चाही तो कोई भी बोलने या जानकारी देने से परिवहन कार्यालय में बचता रहा, पर इतना जरूर पता चला कि मारपीट होमगार्ड के सेनिको ने कर दी है। जिला परिवहन कार्यालय इन दिनों वैसे भी काफी चर्चाओं में है, और इस घटना से एक बार फिर जिला परिवहन कार्यालय की कार्य शैली पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगा दिया है। व्यापारी के साथ हुई मारपीट ने एक बार फिर सुर्खियों में परिवहन कार्यालय को ला दिया है। 

व्यवसाई की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में धाराऐं बढ़ाने की मांग 

फरियादी कुलदीप पुत्र स्व.प्रदीप जैन उम्र 30 वर्ष निवासी शंकर कॉलोनी शिवपुरी ने बताया कि बीते करीब 15 दिन पूर्व जब उनकी 01 वर्ष की बेटी घर के बाहर खेल रही थी, तभी एक तेजी से बाईक चलाते युवक ने बाईक को लहराते हुए बच्ची को कट मारने का प्रयास किया, जिसमें बच्ची दुर्घटना होने से बाल बाल बची। इस मामले की जानकारी तत्काल डायल 100 को देकर पुलिस में शिकायत भी की। चूंकि तत्समय टक्कर मारने वाले युवक विनोद पुत्र स्व.गोपाल ठाकुर निवासी शंकर कॉलोनी के परिजन आए और पुलिस थाना कोतवाली में समझाईश देकर मामले को शांत कर दिया और विनोद को भी समझाया कि वह इस तरह बाईक ना चलाए। इसके बाद भी विनोद में कोई सुधार नहीं आया और विगत 29 जून की रात को जब कुलदीप अपनी मासूम बेटी के साथ घर के आंगन के बाहर खेल रहे थे, कि तभी तेज गति में विनोद अपनी बाईक के साथ वहां से फिर निकला और एक बार फिर बच्ची दुर्घटना से होने से बची। 

इस पर जब विनोद को कुलदीप ने समझाया तो वह भड़क गया और अपने अन्य साथियों अक्षय शर्मा, अंकित, युवराज व पीयूष के साथ मिलकर आया और हाथों में हथियार व डण्डे लेकर युवा व्यावसाई कुलदीप के घर हमला बोल दिया। आरोपीगण विनोद व अन्य उसके साथी गाली-गलौज करने लगे तो कुलदीप ने आरोपियों को ऐसा करने से रोका, इस पर आरोपियों ने कुलदीप के साथ मारपीट कर दी और मौके से जान से मारने की धमकी देकर निकल गए। रात्रि 9:30 बजे अपने घर पर हुए इस विवाद के चलते कुलदीप तत्काल पुलिस थाना कोतवाली पहुंचे और पांचों आरोपियों के विरूद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जिस पर पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध मामूली धाराओं जिसमें धारा 323,294,506,34 आईपीसी के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया। कुलदीप ने बार बार कहा कि वह लोग हथियारों से लैस थे और कोई भी घटना को अंजाम दे सकते थे, किन्तु थाना कोतवाली पुलिस ने इस युवा व्यवसाई की एक ना सुनी और एफआईआर इन्हीं मामूली धाराओं में दर्ज कर प्रकरण विवेचना में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने मेडीकल भी कराया। 

लेकिन पुलिस की इस कार्यवाही से फरियादी व्यवसाई कुलदीप संतुष्ट नहीं है, क्योंकि उसे आशंका है कि भविष्य में आरोपीगण उसके साथ किसी भी गंभीर वारदात को अंजाम दे सकते है। इसलिए इस मामले में पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल से मांग की है कि मामले में उचित कार्यवाही की जावे और आरोपियों पर अन्य गंभीर धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध की जाए ताकि वह आगे इस तरह की कोई घटना घटित ना करे।
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