कोरोना के चलते जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने बंद की दरगाहों और मस्जिदों में इबादत

कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है | सभी सरकारें आम लोगों से सोशल डिस्टेंस मेंटेंन करने को कह रही है | दुनियाभर में फैल रहे कोरोना वायरस की वजह से अब धार्मिक कार्यक्रम और गतिविधियां भी प्रभावित होने लगी हैं। कोरोना के चलते अभी तक देश के बड़े बड़े प्रमुख मंदिरों को बंद किये जाने की ख़बरें सामने आ रही थी वही अब कोरोना को फैलने से रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने दरगाहों और मस्जिदों में इबादत को रोकने के फैसला किया है। 

घाटी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सभी जिलों में लगाई गई पाबंदियों के कारण कश्मीर में गुरुवार से ही एक तरह से बंद की स्थिति है। जम्मू कश्मीर में अधिकारियों ने कोरोना वायरस के कारण शैक्षणिक संस्थानों में 31 मार्च तक अकादमिक कार्य निलंबित किए जाने पर सभी शिक्षकों को अगले आदेश तक घरों में रहने के शुक्रवार को निर्देश दिए। 

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव असगर सामून ने एक आदेश जारी कर कहा कि कक्षाएं निलंबित होने के कारण स्कूलों में किसी शिक्षक को आने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, हेडमास्टर, जोनल शिक्षा अधिकारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी और केंद्र प्रायोजित योजनाओं में शामिल इंजीनियरों को काम पर आने, लेकिन सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एहतियातन तौर पर घाटी के सभी जिलों में लोगों की आवाजाही और उनके एकत्रित होने पर पाबंदियां लगाई गई। 

ऐसा देखने में आया है कि दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे देशों में धार्मिक स्थलों और कार्यक्रमों ने ही कोरोना वायरस को फैलाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। इसके बाद अब जहां कुछ जगहों पर मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों को बंद किया जा रहा है, तो वहीं कई जगहों पर लोगों ने धार्मिक कार्यक्रमों पर किसी भी प्रकार की रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इससे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा और ज़्यादा बढ़ता जा रहा है।

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