क्यूं जरूरी है लॉक डाउन ?



राजस्थान के भीलवाड़ा में, केरल के कुछ क्षेत्रों में कोरोना तीसरे स्टेज में पहुंच चुका है। अच्छी बात यह है कि मध्यप्रदेश में यह स्टेज 1 से 2 तक है। सवाल उठता है कि आखिर ये स्टेज होती क्या हैं? आईये जानते हैं - 

पहली स्टेज 

विदेश से नवांकुर आया। एयरपोर्ट पर उसको बुखार नहीं था। उसको घर जाने दिया गया। पर उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा। और बुखार आदि आने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करेगा। घर जाकर उसने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया। वह घर में कैद रहा। यहां तक कि उसने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी। 

नवांकुर की मम्मी ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ। अलग थलग मत रह। इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा तुझे, आजा किचिन में... मैं गरम गरम् परोस दूं। 

नवांकुर ने मना कर दिया। 

अगली सुबह मम्मी ने फिर वही बात कही। इस बार नवांकुर को गुस्सा आ गया। उसने मम्मी को चिल्ला दिया। मम्मी की आंख में आंसू झलक आये। मम्मी बुरा मान गयीं। लेकिन आंसुओं को अनदेखा कर नवांकुर सबसे अलग थलग ही रहा । 

6-7 दिन बाद नवांकुर को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। नवांकुर ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। कोरोना टेस्ट किया गया। वह पॉजिटिव निकला। उसके घर वालों का भी टेस्ट किया गया, लेकिन वह सभी नेगेटिव निकले। 

पड़ोस की 1 किमी की परिधि में सबसे पूछताछ की गई। ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। सबने कहा कि नवांकुर को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा। चूंकि उसने अपने आप को अच्छे से आइसोलेट किया था, इसीलिए उसके कारण कोरोना नहीं फैला। 

नवांकुर जवान था। कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया। 

जो मम्मी कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि उसकी सजगता की बजह से परिवार के सब सदस्य कोरोना से बच गए। 

यह है पहली स्टेज जिसमें सिर्फ विदेश से आये व्यक्ति में कोरोना है। उसने किसी दूसरे को यह नहीं दिया। 

स्टेज 2- राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला। 

उससे उसकी पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। वह परसों गहने खरीदने के लिए एक ज्वेलर्स पर गया था। वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे। 

सेठजी विदेश से घूमकर आये थे।उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। घर वालों से भी दूर रहेंगे। 

विदेश से आये इस गंवार सेठ ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं। घर में वह सबसे मिला। शाम को अपनी पसंदीदा सब्जी खाई। और अगले दिन अपनी ज्वेलेरी दुकान पर जा बैठा। (पागल हो क्या! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, ज्वेलर सब अपनी दुकान बंद थोड़े न करेंगे) 

6 वें दिन ज्वेलर को बुखार आया। उसके घर वालों को भी बुखार आया। घर वालों में बूढ़ी मां भी थी। सबकी जांच हुई। जांच में सब पॉजिटिव निकले। यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव। फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया। इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। जैसे नौकर चाकर, ग्राहक आदि। उनमें से एक ग्राहक राजू था। 

सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है। डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा। 

कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 

स्टेज 3 

रामसिंह को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया। 

पर रामसिंग न तो कभी विदेश गया था। न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। 

यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि रामसिंह को कोरोना आखिर लगा कहाँ से?? 

स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था। 

स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। हमने सेठजी और उनके सम्पर्क में आये हर आदमी का टेस्ट किया और उनको 14 दिन के लिए अलग थलग कर दिया। 

स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता। 

स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। उसको अलग थलग नहीं कर सकते। 

वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा। 

स्टेज 3 बनेगी कैसे? 

सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी ग्राहक,नौकर नौकरानी, घर के पड़ोसी, दुकान के पड़ोसी, दूध वाला, बर्तन वाली, चाय वाला....सब अस्पताल को दौड़े। 

सब लोग कुल मिलाकर 440 थे। 

10 लोग अभी भी नहीं मिले। 

पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है। 

उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा। 

यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता। 

स्टेज 3 का उपाय है 21 दिन का lockdown 

शहर में 21 दिन के लिए एकदम तालाबंदी कर दो। जरूरी हो तो कर्फ्यू लगा दो। 

किसी को बाहर न निकलने दो। 

अब हर आदमी घर में बंद है। 

जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है तो वह सुरक्षित है। 

जो अज्ञात स्रोत है, वह भी अपने घर में बंद है। जब वह बीमार पड़ेगा, तो वह अस्पताल में पहुंचेगा। और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है। 

हो सकता है कि इस अज्ञात श्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, पर बाकी का पूरा शहर बच गया। 

अगर LOCKDOWN न होता। तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता। और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता। फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते। इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच गया और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ गया। 

उदाहरण के लिए 

सेठजी एयरपोर्ट से निकले 

उनने नियमों की धज्जियां उड़ाईं। 

घर भर को कोरोना दे दिया। 

सुबह उठकर दुकान खोलने गए। 

(गजब आदमी हो यार! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, अपनी दुकान बंद कैसें कर लें) 

पर चूंकि तालाबंदी है। 

तो पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े। 

डंडा देख सेठजी शटर लटकाकर भागे। 

अब चूंकि मार्किट बन्द है। 

तो 450 ग्राहक भी नहीं आये। 

सभी बच गए। 

राजू भी बच गया। 

बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ। 

6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा। और नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव हैं।
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