सैनिटाइजर में मिश्रित एल्कोहल साधारण शराब से अधिक हानिकारक


होम्योपेथिक हे़ल्थ एडवाईसर डॉ. अभिषेक द्विवेदी के अनुसार कोरोना संक्रमण के दौरान उपयोग में लिए जा रहे सैनिटाइजर में मिश्रित एल्कोहल, साधारण शराब से अधिक हानिकारक है | डॉ. अभिषेक द्विवेदी ने बताया कि हैंड सैनिटाइजर बनाने में दो प्रकार के एल्कोहल का प्रयोग होता है, पहला - आइसोप्रोपिल एल्कोहल और दूसरा इथाइल एल्कोहल (इथेनॉल)। हैंड सैनिटाइजर में एल्कोहल का 50 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक प्रयोग होता है।आइसोप्रोपिल एल्कोहल का प्रयोग मूलतः औधोगिक विलायत,आफ्टर शेविंग लोशन, फार्मास्युटिकल सामान एवं हैंड सेनिटाइजर बनाने में किया जाता है जबकि इथाइल एल्कोहल का प्रयोग शराब आदि उत्पाद बनाने में होता है। आइसोप्रोपिल एल्कोहल इथेनॉल से दोगुना जहरीला होता है यदि इसका प्रयोग नशे आदि के लिए किया जाए तो यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचाता है तथा अंदरूनी रक्त स्त्राव होने की आशंका रहती है। इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

नशे के आदी लोगों को जब नशे की सामग्री नहीं मिलती तो वह उसके विकल्पों की तलाश करते है। यदि हैंड सैनिटाइजर को नशे (शराब) के विकल्प के तौर पर उपयोग किया जाता है,तो यह मौत का कारण बन सकता है। आइसोप्रोपिल एल्कोहल (हैंड सैनिटाइजर) इथाइल एल्कोहल (साधारण शराब) से ज्यादा देर शरीर में रह सकता है, इसलिए हैंड सैनिटाइजर साधारण शराब से कहीं ज्यादा हानिकारक होता है तथा इससे होने वाला नशा न्यूनतम 24 घंटे तक बना रह सकता है।

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें