अनुच्छेद 30 के विरोधी तो स्वयं गांधीजी भी थे - प्रवीण गुगनानी

SHARE:

हाल ही मे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संविधान के अनुच्छेद 30 के औचित्य पर प्रश्न उठाया है। इसके जवाब मे आलोचकों व विर...

हाल ही मे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संविधान के अनुच्छेद 30 के औचित्य पर प्रश्न उठाया है। इसके जवाब मे आलोचकों व विरोधियों ने अपनी प्रवृत्ति के अनूरूप ही विजयवर्गीय पर राजनीति मे धर्म के उपयोग के आरोपों की झड़ी लगा दी है। इस समय मे गांधी जी का विचार याद आता है, उन्होने कहा है कि “जो यह मानते हैं कि धर्म का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है, वे ये नहीं जानते है की धर्म क्या है”। अनुच्छेद 30 विभिन्न अल्पसंख्यक धर्मों को अपने धर्म के प्रचार प्रसार हेतु अधिकार देने वाला संविधान का भाग है। गांधी जी विशेषतः इस्लाम व ईसाइयत को स्वतंत्र भारत मे धर्म प्रचार की छूट दिये जाने के प्रबल विरोधी थे। इस नाते से यदि भारत मे अनुच्छेद 30 का कोई आदि विरोधी है तो वे स्वयं मोहनदास करमचंद गांधी है।

धर्मांतरण के सख्त विरोधी होने के नाते 1935 में एक मिशनरी नर्स ने गांधी जी से पूछा “क्या आप धर्मांतरण के लिए मिशनरियों के भारत आगमन पर रोक लगा देना चाहते हैं? इस पर गांधी जी ने उत्तर दिया - “अगर सत्ता मेरे हाथ में हो और मैं कानून बना सकूं, तो मैं धर्मांतरण का यह सारा धंधा ही बंद करा दूं। ईसाई मिशन की दुकानों में मरडोक की पुस्तकें बिकती हैं। इन पुस्तकों में सिवाय हिन्दू धर्म की निंदा के और कुछ है ही नहीं”। भारत मे धर्म प्रचार के विषय मे गांधी जी के ये विचार स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रतिलिपि हैं। शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण कराने के संदर्भ मे बाबा साहेब अंबेडकर के भी यही विचार हैं।

भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अनुच्छेद 30 को समानता के अधिकार को सबसे अधिक हानि पहुंचाने वाला बताया है। कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में लिखा, "देश में संवैधानिक समानता के अधिकार को आर्टिकल 30 सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहा है। यह अल्पसंख्यकों को धार्मिक प्रचार और धर्म शिक्षा की इजाजत देता है, जो दूसरे धर्म के लोगों को हासिल नहीं है। जब हमारा देश धर्मनिरपेक्षता का हिमायती है तो इस आर्टिकल 30 की क्या जरुरत है? भारतीय संविधान के अनुच्‍छेद-30 के तहत अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान चलाने करने का अधिकार प्राप्त है। संविधान का यह अनुच्‍छेद कहता है कि सरकार वित्तीय मदद देने में किसी भी शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ इस आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती है कि वह अल्पसंख्यक प्रबंधन के तहत संचालित है। कुछ कांग्रेसी नेताओं ने इस ट्वीट का विरोध यह कहकर किया है कि कोरोना काल मे इस प्रकार की धर्म की राजनीति नहीं होनी चाहिए किंतु अब यह भी एक सत्य है कि हमें आने वाला कुछ महीनों तक कोरोना के साथ जीने का अभ्यस्त होना पड़ेगा अतः इन परिस्थितियों मे यदि कोई राजनेता इस प्रकार का साहसिक बयान देकर इस देश की मूल संस्कृति व परम्पराओं के प्रति इस प्रकार का आग्रह रखता है व चिंता करता है तो यह अपने आप मे एक विलक्षण राजनैतिक गुण है। इस देश को, इसकी भाषा, संस्कृति, धर्म, समाज को अब सेकुलरिज़्म के नाम पर ठगने वाले लोग नहीं अपितु तुष्टीकरण के तमाम चलाये गए माध्यमों पर रोक लगाने की बात करने वाले साहसिक राजनीतिज्ञ चाहिए जो गुण कैलाश विजयवर्गीय ने समय समय पर बड़ी दृढ़ता से प्रदर्शित किया है। 

प्रश्न यह है कि अनुच्छेद 30 के अधिकार केवल अल्पसंख्यकों को ही क्यों? इस अनुच्छेद को लेकर विशेषज्ञ बताते हैं कि इससे मदरसों में कुरान और हदीस की शिक्षा एक कानूनी अधिकार है जबकि हमारे ही देश मे किसी भी शासकीय, अर्द्धशासकीय या निजी शिक्षण संस्थाओं मे रामायण, महाभारत, गीता या वेद पुराण पढ़ाने की अनुमति नहीं है। वैदिक शिक्षण अपने आप मे शिक्षण का एक पूर्ण विकसित विज्ञान है जिसने हमारे देश को पुरातन काल मे विश्वगुरु के स्थान पर आसीन किया था किंतु आश्चर्य है कि यह वैदिक शिक्षा आज शिक्षण माध्यमों व पाठ्यक्रमों से लुप्त है। समूचे विश्व को नालंदा, तक्षशिला जैसे दसियों विश्व स्तरीय व दिव्य शिक्षण संस्थान देने वाला हमारा देश तुष्टीकरण से सराबोर इस जैसे कानूनों के कारण ही सांस्कृतिक व शैक्षणिक घुटन का शिकार हो गया है। इस देश का मूल विचार, मूल सिद्धान्त, मूल जीवन शैली, मूल आहार व्यवहार ही इस देश के शिक्षण ढांचे से गायब है। इसका गायब होना एक बात है किंतु इस तुर्रा इस बात का भी है वे सभी विचार, सोच व जीवनशैली जो इस देश के मौलिक वैदिक चिंतन के विपरीत ध्रुवों पर स्थित है उस कुविचार को वैदिक मूल्य के बलिदान की कीमत पर संवैधानिक प्राथमिकता उपलब्ध है। हमें यह भी देखना होगा कि अनुच्छेद 28 कहता है कि जो भी शैक्षणिक संस्थान सरकार द्वारा दिए गए धन से चलते हैं उनमें कोई भी धार्मिक निर्देश नहीं दिया जा सकता है। किंतु यह विडम्बना ही है कि स्वतन्त्रता प्राप्ति से अब तक इस देश के अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों मे उनकी भाषा, लिपि, संस्कृति की रक्षा के नाम पर हिंदू धर्म की कब्र खोदने का काम प्रमुखता से चलता आ रहा है। आज मदरसे लव जिहाद, लैंड जिहाद, पत्थर फेंकने, हथियार बनाने, राष्ट्रद्रोह करने के अड्डे बन गए हैं। हमें यह समझना होगा कि भारतीय संविधान का आर्टिकल 30 देश में धार्मिक या भाषाई अल्पसंख्यकों को कई अधिकार देता है। यह आर्टिकल ही इन अल्पसंख्यकों को देश में देश में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के लिए अधिकार देता है। किंतु शिक्षण के आड़ मे क्या क्या गोरखधंधे इन मिशन स्कूलों व मदरसों मे चल रहें हैं यह किसी से छुपा नहीं है।

आर्टिकल 30 पर अब चर्चा इस लिए सामयिक है क्योंकि सीमित नियंत्रण के कारण ऐसे संस्थानों मे व्यक्तिगत नियंत्रण होता है व कम शासकीय हस्तक्षेप के कारण इनमें बहुत प्रकार के भ्रष्टाचार जन्म लेते हैं। उप्र के आजम खान व हैदराबाद के असदुद्दीन औवेसि के संस्थान इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यक संस्थानों को शिक्षा अधिनियम के अधिकार के अनुसार, गरीबों के लिए अपनी 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की छूट देता है, जो भारत के संविधान में निहित मूलभूत अधिकारों के विपरीत है। इसके अतिरिक्त अनुच्छेद 30 की धारा 1 (ए) के अनुसार, पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण नीति को लागू करने की बाध्यता अल्पसंख्यक संस्थानों की नहीं है। शिक्षा जगत मे यह फर्क पर्याप्त असमानता उत्पन्न करता है कि अल्पसंख्यक संस्थान पूर्ण स्वतन्त्रता का आनंद लेते हैं, वहीं हिंदू संस्थानों को सरकार के हस्तक्षेप का सामना करना पड़ता है, यह सरासर भेदभाव है। यह अनुच्छेद सांप्रदायिक असंतुलन उत्पन्न करने का एक बड़ा स्त्रोत बन गया है।

स्पष्ट है कि अनुच्छेद 30 मे मिले हुये अधिकारों का अल्पसंख्यक समाज ने स्वयं के विकास हेतु असंतुलित व अनैतिक उपयोग किया है। इस अनुच्छेद के माध्यम से शिक्षा जगत मे शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण की खुली मूहीम चली हुई है। भारत के निर्धन, पिछड़े, वनीय, जनजातीय क्षेत्रों मे इस अनुच्छेद की आड़ लेकर चल रहे हजारों शिक्षण संस्थान धर्मांतरण, हथियार निर्माण व पत्थर फेंकने के प्रशिक्षण केंद्र बने हुये हैं; यह बात समाज भी जनता है और प्रशासन भी, फिर भला इस आर्टिकल 30 की समीक्षा करने मे बुराई क्या है?!

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,24,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,11,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,90,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1126,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,911,शिवपुरी समाचार,331,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : अनुच्छेद 30 के विरोधी तो स्वयं गांधीजी भी थे - प्रवीण गुगनानी
अनुच्छेद 30 के विरोधी तो स्वयं गांधीजी भी थे - प्रवीण गुगनानी
https://1.bp.blogspot.com/-s9wv6WIoAfk/XtUbHmEte5I/AAAAAAAANDM/ht5kvFgJYPUWcQxEDQtM-dVSIBrUoydIQCNcBGAsYHQ/s1600/gandhi.jpg
https://1.bp.blogspot.com/-s9wv6WIoAfk/XtUbHmEte5I/AAAAAAAANDM/ht5kvFgJYPUWcQxEDQtM-dVSIBrUoydIQCNcBGAsYHQ/s72-c/gandhi.jpg
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2020/06/Gandhi-himself-was-also-an-opponent-of-Article-30.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2020/06/Gandhi-himself-was-also-an-opponent-of-Article-30.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy