राम के समय कोई अलग नेपाल नही था। आज के नेपाल का अस्तित्व केवल कुछ साल पहले का ही है। उससे पहले यह हिमालयी भूभाग आर्यावर्त का ही हिस्सा था। आ...
राम के समय कोई अलग नेपाल नही था। आज के नेपाल का अस्तित्व केवल कुछ साल पहले का ही है। उससे पहले यह हिमालयी भूभाग आर्यावर्त का ही हिस्सा था। आज भी नेपाल का प्रथम महाकाव्य रामायण है। यह मैं नही कह रहा। खुद नेपाल का राष्ट्रीय अभिलेखागार अपने सभी दस्तावेजों के साथ चिल्ला चिल्ला कर कह रहा है। राम नेपाल के भी राष्ट्रनायक हैं, दामाद भी और परमपूज्य भी।नेपाल के राष्ट्रीय अभिलेखागार में वाल्मीकि रामायण की दो प्राचीन पांडुलिपियाँ सुरक्षित हैं। इनमें से एक पांडुलिपि के किष्किंधा कांड की पुष्पिका पर तत्कालीन नेपाल नरेश गांगेय देव और लिपिकार तीरमुक्ति निवासी कायस्थ पंडित गोपति का नाम अंकित है। इसकी तिथि सं. १०७६ तदनुसार १०१९ई. है। दूसरी पांडुलिपि की तिथि नेपाली संवत् ७९५ तदनुसार १६७४-७६ई. है।

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