मप्र में वर्क फ्रॉम होम खत्म, सभी शासकीय कर्मचारियों को आना होगा ऑफिस

 


सात महीने बाद मध्यप्रदेश सरकार ने वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था पूरी तरह खत्म कर दी है। अब सभी सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को ऑफिस जाना ही होगा। हालांकि, कुछ गाइडलाइन भी तय की गई है। इसमें मुख्य रूप से कार्यालय में काम के दौरान अधिकारी-कर्मचारी न तो किसी से हाथ मिला सकते हैं और न ही साथ बैठकर चाय-नाश्ता कर सकेंगे। मध्यप्रदेश शासन ने भारत सरकार के अनलॉक-5 के निर्णय के मद्देनजर सरकारी कर्मचारियों को शत-प्रतिशत ऑफिस में अपनी उपस्थिति के निर्देश जारी किए हैं। इसे तत्काल प्रभाव से लागू करा दिया गया है।अब तक ऑफिस में 50 फीसदी कर्मचारियों को बारी-बारी बुलाया जा रहा था। विभिन्न विभागों द्वारा लगातार कार्यालय में कार्य क्षमता में वृद्धि की जरूरत बताई जा रही थी। इसलिए अब अधिकारियों के ही समान सभी कर्मचारियों को भी ऑफिस में उपस्थित होना होगा। बता दें कि मध्यप्रदेश में करीब साढ़े चार लाख कर्मचारी हैं, इन सभी पर इस आदेश का असर पड़ेगा।

मास्क लगाना अनिवार्य


प्रत्येक कर्मचारी को स्वयं एवं अन्य की सुरक्षा हेतु मास्क लगाना अनिवार्य होगा। किसी भी स्थिति में मास्क नहीं उतारा जा सकता है। कार्यालय के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। ऑफिस को लगातार सैनिटाइज किया जाना अनिवार्य रहेगा। कर्मचारी न तो आपस में हाथ मिला सकते हैं और न ही चाय और खाना साथ बैठकर खा सकते हैं। लगातार साबुन से हाथ धोते रहना और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग किया जाना अनिवार्य है। कोविड-19 संबंधी कोई भी लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस और लेने में तकलीफ आदि होने पर तत्काल फीवर क्लीनिक में परीक्षण कराना अनिवार्य रहेगा।

एक से कैदी अपने परिजन से मिल सकेंगे


गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश की जेलों में बंदियों की परिजनों से मुलाकात की सुविधा एक नवंबर से फिर से शुरू की जा रही है। हालांकि इसके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेलीफोन से बंदियों और उनके परिजन के बीच बातचीत की सुविधा भी अभी बरकरार रहेगी।
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