शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत - डॉ नीलम महेंद्र

SHARE:

शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत अहिंसा के मंत्र से दुनिया को अवगत कराने वाला भारत आज एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर मजबूती के साथ उभर...






शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत

अहिंसा के मंत्र से दुनिया को अवगत कराने वाला भारत आज एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर मजबूती के साथ उभर रहा है। बिना हथियार उठाए आज़ादी हासिल करने वाला गाँधी का यह देश आज आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के सहारे हथियारों का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। वो भारत जो कल तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश था वो आज मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व, एशिया और लैटिन अमेरिकी देशों को आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल ,तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और एयर प्लेटफार्म जैसे सुरक्षा उपकरण और हथियार निर्यात करने की दिशा में बढ़ गया है।

आज हमारे देश की अनेक सरकारी कंपनियां विश्व स्तर के हथियार बना रही हैं और भारत विश्व के 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेक इन इंडिया से आगे बढ़ते हुए मेक फ़ॉर वर्ल्ड की नीति पर आगे चलते हुए केंद्र सरकार ने 2024 तक 35000 करोड़ रुपए का सालाना रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है। सरकारी आंकड़ों से इतर अगर जमीनी हकीकत की बात करें, तो 2016-17 में भारत का रक्षा निर्यात 1521 करोड़ था जो साल 2018-19 में 10745 करोड़ तक पहुंच गया है। यानी करीब 700 प्रतिशत की बढ़ोतरी।

दरसअल आज़ादी के बाद से ही भारत अपनी सीमाओं की रक्षा हेतु उपयोग में आने वाली आवश्यक सैन्य सामग्री के लिए रूस अमेरिका इस्राएल फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर था। इसके अलावा चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के चलते पिछले कुछ वर्षों में भारत रक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक खर्च करने वाला विश्व का तीसरा देश बन गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में अमेरिका और चीन के बाद भारत रक्षा क्षेत्र में सर्वाधिक खर्च कर रहा था।

देखा जाए तो चीन के साथ हुए हालिया सीमा विवाद और पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकवादी घुसपैठ की कोशिशों के चलते यह जरूरी भी था। लेकिन आज के भारत की खास बात यह है कि सेना की इन जरूरतों को अब देश में ही पूरा किया जाएगा।

इसके लिए सरकार ने बीते कुछ समय मे ठोस निर्णय लिए जिनके सकारात्मक परिणाम अब सामने भी आने लगे हैं। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय था तीनों सेनाओं के प्रमुख चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ के पद का सृजन करना। हालांकि इस पद के निर्माण की सिफारिश 2001 में ही की गई थी लेकिन यह 2019 में आस्तित्व में आ पाया। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि तीनों सेनाओं में एक समन्वय स्थापित हुआ जिससे तीनों सेनाओं की आवश्यकताओं को स्ट्रीमलाइन करके उसके अनुसार रूपरेखा बनाने का रास्ता प्रशस्त हो गया। दूसरा प्रभावशाली कदम था रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की लिमिट 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 करना। लेकिन तीसरा सबसे बड़ा कदम जो सरकार ने उठाया वो था सेना के कुछ सामान (101 आइटम की लिस्ट) के आयात पर 2020-24 तक प्रतिबंध लगाना। परिणामस्वरूप इन वस्तुओं की आपुर्ति भारत में निर्मित वस्तुओं से ही की जा सकती थी।

यह भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री के लिए एक प्रकार से अवसर था अपनी निर्माण क्षमताओं को विकसित करने का। यह देश के लिए गर्व का विषय है कि इस इंडस्ट्री ने मौके का भरपूर सदुपयोग करते हुए अनेक विश्व स्तरीय स्वदेशी रक्षा एवं सैन्य उपकरणों का सफलतापूर्वक निर्माण करके आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के प्रति ठोस कदम बढ़ाया है। इन उपकरणों के नाम और काम दोनों भारत के गौरवशाली अतीत का स्मरण कराते हैं।

स्वदेशी "भारत ड्रोन" ,जो पूर्वी लद्दाख के पास एलएसी की निगरानी के लिए रखा जा रहा है उसे राडार की पकड़ में लाना असंभव है। डीआरडीओ के चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला में विकसित यह ड्रोन दुनिया का सबसे चालक, मुस्तैद, फुर्तीला और हल्का सर्विलांस ड्रोन है। चूंकि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस है, यह दोस्तों और दुश्मनों में अंतर करके उसके अनुरूप प्रतिक्रिया करता है। इसी प्रकार स्वदेशी एन्टी सबमरीन युद्धपोत आई इन एस कवरत्ती को भी नौसेना में शामिल किया गया है। यह भी राडार के पकड़ में नहीं आता। इसी प्रकार अर्जुन टैंक, पिनाक रॉकेट लांच सिस्टम,आकाश, नाग मिसाइल,तेजस विमान, ध्रुव हेलिकॉप्टर, अग्नि बैलिस्टिक मिसाइल, अस्त्र मिसाइल, अस्मि पिस्टल हमारे देश में तैयार किए गए कुछ ऐसे शस्त्र हैं जिन्होंने हमें रूस अमेरिका फ्रांस जैसे देशों के समकक्ष लाकर खड़ा कर दिया है। इस सफलता से उत्साहित भारत की भविष्य योजनाएं रक्षा क्षेत्र में विश्व में मजबूत मौजूदगी दर्ज करने की है।

इसी कड़ी में देश में अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर से लेकर राइफल्स बनाने की तैयारी की जा रही है।लेकिन इन हथियारों के अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण पहलू है,हमारे सैनिकों की सुरक्षा। इसके लिए बुलेट प्रूफ जैकेट से लेकर ऐसे जूते जो सैनिकों के पैरों को घायल होने से बचाए इनका उत्पादन भी देश में हो रहा है। इतना ही नहीं डी आर डी ओ ने पूर्वी लद्दाख और सियाचीन की जमा देने वाली सर्दी जैसे दुर्गम इलाकों में तैनात हमारे जवानों के लिए स्पेस हीटिंग डिवाइस तैयार किया है जो माइनस 40 डिग्री के तापमान में भी उनके बंकर को गर्म रखेगा। दरअसल इस प्रकार के कदम ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को गति देते हैं बल्कि सेना और देश दोनों के मनोबल को भी ऊँचा करते हैं।

इस प्रकार के कदम तब और भी जरूरी हो जाते हैं जब ग्लोबल फायर पॉवर इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट में यह बात सामने आती है कि कोरोना काल में पाकिस्तान जैसा देश जो रक्षा क्षेत्र में खर्च करने के मामले में बीते साल15 वें पायदान पर था आज चीन की मदद से 10 वें पायदान पर आ गया है।

इतना ही नहीं वो चीन के साथ राफेल को मार गिराने का सांझा युद्ध अभ्यास भी करता है।

समझा जा सकता है कि इन परिस्थितियों में भारत का सैन्य रूप से सक्षम होना कितना आवश्यक है। क्योंकि संसार का विरोधाभासी नियम यह है कि शक्ति सम्पन्न व्यक्ति ही शांति कायम करा पाता है दुर्बल तो हिंसा का शिकार हो जाता है। इसे हमारे शास्त्रों में कुछ ऐसे कहा गया है "क्षमा वीरस्य भूषनम"। और आज का सच यह है कि विश्व का हर देश आधुनिक हथियारों के साथ विश्व शान्ति की बात करता है। यही कारण है कि कल तक जो भारत अहिंसा परमो धर्मः के पथ पर चलता था "आज अहिंसा परमो धर्मः, धर्म हिंसा तथैव चः।" को अंगीकार कर रहा है।


लेखिका वरिष्ठ स्तंभकार हैं

COMMENTS

नाम

अखबारों की कतरन,40,अपराध,3,अशोकनगर,24,आंतरिक सुरक्षा,15,इतिहास,158,उत्तराखंड,4,ओशोवाणी,16,कहानियां,40,काव्य सुधा,64,खाना खजाना,21,खेल,19,गुना,3,ग्वालियर,1,चिकटे जी,25,चिकटे जी काव्य रूपांतर,5,जनसंपर्क विभाग म.प्र.,6,तकनीक,85,दतिया,2,दुनिया रंगविरंगी,32,देश,162,धर्म और अध्यात्म,244,पर्यटन,15,पुस्तक सार,59,प्रेरक प्रसंग,80,फिल्मी दुनिया,11,बीजेपी,38,बुरा न मानो होली है,2,भगत सिंह,5,भारत संस्कृति न्यास,30,भोपाल,26,मध्यप्रदेश,504,मनुस्मृति,14,मनोरंजन,53,महापुरुष जीवन गाथा,130,मेरा भारत महान,308,मेरी राम कहानी,23,राजनीति,90,राजीव जी दीक्षित,18,राष्ट्रनीति,51,लेख,1126,विज्ञापन,4,विडियो,24,विदेश,47,विवेकानंद साहित्य,10,वीडियो,1,वैदिक ज्ञान,70,व्यंग,7,व्यक्ति परिचय,29,व्यापार,1,शिवपुरी,911,शिवपुरी समाचार,331,संघगाथा,57,संस्मरण,37,समाचार,1050,समाचार समीक्षा,762,साक्षात्कार,8,सोशल मीडिया,3,स्वास्थ्य,26,हमारा यूट्यूब चैनल,10,election 2019,24,shivpuri,2,
ltr
item
क्रांतिदूत : शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत - डॉ नीलम महेंद्र
शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत - डॉ नीलम महेंद्र
https://ci3.googleusercontent.com/proxy/DqncJ-N35zJDQx-xWgVGkRjRgeey849cCE6k3LuRc6YWCCqRJ2wmZu2y5g3qb5y7srNqpScDfCtn4S6OnASjYeeatgZ8P7679Egjzb6d5TEV3zW4luymX-15=s0-d-e1-ft#https://cdn.sender.net//email_images/12265/all/Untitleddesign926766.jpg
https://ci3.googleusercontent.com/proxy/DqncJ-N35zJDQx-xWgVGkRjRgeey849cCE6k3LuRc6YWCCqRJ2wmZu2y5g3qb5y7srNqpScDfCtn4S6OnASjYeeatgZ8P7679Egjzb6d5TEV3zW4luymX-15=s72-c-d-e1-ft#https://cdn.sender.net//email_images/12265/all/Untitleddesign926766.jpg
क्रांतिदूत
https://www.krantidoot.in/2021/01/power-with-peace-that-is-india-dr-nilam-mahendra.html
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/
https://www.krantidoot.in/2021/01/power-with-peace-that-is-india-dr-nilam-mahendra.html
true
8510248389967890617
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS CONTENT IS PREMIUM Please share to unlock Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy