वाह री कांग्रेस और वाह रे कांग्रेसी लोकतंत्र ?



कांग्रेस जब भी चुनावों में हारती है, तो अपनी हार का ठीकरा ई व्ही एम पर फोडती है। देश में लोकतंत्र समाप्त होने की बात कहकर पूरे विश्व में भारत की साख पर बट्टा लगाने का प्रयास करती है। लेकिन स्वयं कांग्रेस में लोकतंत्र की क्या स्थिति है ? इसे दर्शाते हैं राजस्थान में कांग्रेस के यूथ विंग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से हुए चुनाव ।

इस चुनाव में हर वोट के साथ 50 रुपए शुल्क बसूला गया। कुल वोट डाले गए 20 लाख और इस प्रकार करीब 10 करोड़ रुपए पार्टी फंड में इकट्ठा भी कर लिए। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह बेहद शर्मनाक है। यूथ कांग्रेस मैनेजमेंट ने 60 प्रतिशत से अधिक वोटों को रिजेक्ट कर दिया। यद्यपि प्रत्येक वोट वोटर के पास डाउनलोड किए गए एप के जरिए डाले गए थे। लेकिन रिजेक्ट करने का अधिकार मैनेजमेंट के चंद नेताओं के पास ही थे। अब स्वाभाविक ही प्रत्याशियों की ओर से यह आरोप लगाया जा रहा है कि एक प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट दिखाए जाने के लिए यह सब खेल किया गया है। शिकायत में प्रत्याशियों ने कहा- वे कांग्रेस की रीति-नीति पर चलने वाले कार्यकर्ता हैं। पिछले चुनाव में भी इस तरह की गड़बड़ी हुई। इसके बावजूद चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा करते हुए उन्होंने हिस्सा लिया था, लेकिन इस बार भी ऐसी बातें सामने आई हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लिखित में शिकायत दर्ज करने वाले कई प्रत्याशियों सहित अन्य प्रत्याशियों ने जब आवाज उठाई तो उन्हें वोटों के रिजेक्शन के कई कारण गिना दिए गए। 50 रुपए के साथ एप के जरिए डाले गए वोट में वोटरों के अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स में खामियां गिना दी गईं। किसी को कहा गया कि वोटर आईडी या फोटो या पहचान पत्र में खामियां हैं, तो किसी के फोटो ठीक से सॉफ्टवेयर में शो नहीं हुए आदि आदि।

वाह री कांग्रेस और वाह रे कांग्रेसी लोकतंत्र ?

साभार आधार - दैनिक भास्कर राजस्थान में प्रकाशित समाचार
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