पाकिस्तान में जिहादी चंगुल से पांच हिन्दू किशोरियां बचाकर लाई गईं हिन्दुस्थान। एक प्रेरक गाथा।



भारत में अनेक लोग हैं जो लगातार बिना किसी प्रचार के रातदिन अपने बंधुओं के लिए काम कर रहे हैं। निमित्तेकम संस्था से जुड़े ऐसे ही एक सज्जन को पाकिस्तान में रह रहे किशन ओढ़ का फोन आया। रुंधे कंठ से उसने बताया कि पकिस्तान में उसे जिहादियों द्वारा रोज धमकी मिल रही है कि उसकी नाबालिग बेटियों को अगवा कर लिया जाएगा। बिलखते हुए किशन की वेदना ने सुनने वाले शख्स को अंदर तक झकझोर दिया और फिर उन्होंने और उनके भाई जय आहूजा ने तय कर लिया कि अब तो इन बेबसों को जिहादी चंगुल से बचाना ही है। 

और उसके बाद शुरू हुआ कागजी खानापूरी, आर्थिक व्यवस्था, पासपोर्ट वीसा और उन लोगों के भारत आने हेतु टिकिट की व्यवस्था आदि जुटाने का काम। निमित्तेकम संस्था के अन्य साथी सर्व श्री चिदम शर्मा और गोवर्धन मेघवाल ने यह कार्यभार अपने हाथों में लिया। सब कुछ सुविचारित ढंग से किया गया। और परिणाम भी सकारात्मक निकला। अंततः ओढ़ परिवार के सभी सदस्य सकुशल माँ भारती की स्नेहमयी गोद में आ ही गए। 

किशन पुत्र गणेश राम 

शमीम पत्नी किशन 

सजना पुत्री किशन 

नैना पुत्री किशन 

पिंकी पुत्री किशन 

महक पुत्री किशन 

मुस्कान पुत्री किशन 

सभी सुन्दर कन्यायें अब जयपुर के ई एन टी सर्जन श्री ओमेंद्र रतनू की छत्रछाया में हैं। उन्होंने संकल्प लिया है कि जब भी उनका विवाह होगा, उनका कन्यादान वे ही लेंगे।  वे मानो अब उनकी अपनी बेटी ही हैं। 

घबराई आँखों में फिर से जीवन की मधुर बहार खिली , 

पत्थर की छाती फोड़ के आज जीवन की रसधार चली 

मजहब के दावानल में जब जल जाती कलियाँ अमोल

तब महादेव के भाल से धर्म की शीतल सौम्य फुहार डली। 

यह एक छोटी सी सफलता भर है। हमें प्रसन्नता भी है। 

लेकिन आज भी लगभग एक करोड़ हिन्दू पाकिस्तान में नारकीय जीवन जी रहे हैं। 

क्या उनकी मुक्ति का कोई मार्ग है ?

क्या यह समग्र हिन्दू समाज का उत्तरदायित्व नहीं है कि उनकी चिंता करें ?

हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि एक भी हिन्दू कष्ट में न रहे। 

आईये हम सब मिलकर इस हेतु प्रयत्न करें, सनातन धर्म का तो उद्घोष ही है -

धर्म की जय हो !

अधर्म का नाश हो !

जो इस सत्संकल्प से जुड़ना चाहें, उनके लिए -

Nimittekam.org 

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