प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने की मुहीम चलाने वाले अमरीकी अरब पति बुजुर्ग जॉर्ज सोरोस ने अपने बेटे को सौंपा $25 बिलियन से अधिक का साम्राज्य।



दान के नाम पर अनेक देशों में राजनैतिक भूचाल लाने वाले अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस ने अपनी कई अरब डॉलर की सल्तनत अपने बेटे अलेक्जेंडर सोरोस को सौंप दी है, जो अब अपने पिता के नक्शेकदम पर चलेगा। स्मरणीय है कि 1992 में जब इस 92 वर्षीय फाइनेंसर ने ब्रिटिश पाउंड के खिलाफ अभियान चलाया और "बैंक ऑफ इंग्लैंड" को तगड़ा झटका दिया, तो उसके बदले उल्लेखनीय रूप से 1 बिलियन डॉलर कमाए।  

उन्हीं जॉर्ज सोरोस ने अब अपने बेटे अलेक्जेंडर को ISF के अध्यक्ष के रूप में नामित किया है। जॉर्ज के अनुसार अलेक्जेंडर इसके योग्य है। वॉल स्ट्रीट जर्नल 37 वर्षीय अलेक्जेंडर के हवाले से लिखा है कि वह अपने पिता की तुलना में "अधिक राजनीतिक" है और वामपंथी झुकाव वाले अमेरिकी राजनीतिक उम्मीदवारों को परिवार के पैसे दान करने की अपनी परंपरा को जारी रखेगा। यही है इस अरबपति परिवार के दान की हकीकत। अँधा बांटे रेबड़ी, चीन्ह चीन्ह कर देय। 

अलेक्जेंडर ने कहा, "हम घर में मतदान के अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा और विदेशों में लोकतंत्र का समर्थन करते रहेंगे। बिना लाग लपेट के यह युवा यह भी स्वीकार करता है कि जब दूसरा पक्ष राजनीति से पैसा बना रहा है, तो मैं क्यों चूकूं ? मैं भी यही करना पसंद करूंगा, हमें भी ऐसा करना होगा।"

जॉर्ज सोरोस ने तीन शादी की और उनके पांच बच्चे हैं - अलेक्जेंडर, एंड्रिया, ग्रेगरी, रॉबर्ट और जोनाथन। अलेक्जेंडर का पालन-पोषण कटोना, न्यूयॉर्क में हुआ था। स्टैमफोर्ड, कनेक्टिकट में किंग लो हेवुड थॉमस में शुरूआत के बाद उन्होंने 2009 में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 2018 में, उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से इतिहास में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

ज्यूइश फ़ंड फ़ॉर जस्टिस में अलेक्जेंडर के पहले बड़े योगदान ने उन्हें एक परोपकारी व्यक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद की। बाद में उन्होंने शिक्षा और अनुसंधान के लिए यहूदी परिषद को $200,000 का दान भी दिया। उन्होंने 2012 में 'अलेक्जेंडर सोरोस फाउंडेशन' की स्थापना की, जो सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों को बढ़ावा देता है। संगठन ने विशेष रूप से घरेलू कामगारों के पहले-पहले राष्ट्रीय सांख्यिकीय अध्ययन - 'होम इकोनॉमिक्स: द इनविजिबल एंड अनरेगुलेटेड वर्ल्ड ऑफ डोमेस्टिक वर्क' को वित्त पोषित किया।

अलेक्जेंडर 2017 से OSF के डिप्टी चेयरमैन थे। फाउंडेशन हर साल लगभग 1.5 बिलियन डॉलर उन समूहों को निर्देशित करता है जो मानवाधिकारों का समर्थन करते हैं। अलेक्जेंडर फाउंडेशन की निवेश समिति का हिस्सा है, जो सोरोस फंड मैनेजमेंट का ओवरसियर है।

तो अब हमें चौकन्ना रहना चाहिए किसी नए टूलकिट के लिए। यह अरबपति परिवार न अपनी लोलुपता छुपाता है और न ही उद्देश्य। इनका दान भी एक प्रकार से इन्वेस्ट ही होता है और उद्देश्य एक ही होता है, अपनी पसंदीदा सरकारें बनवाकर और अधिक शक्ति और अधिक सम्पदा पाना। 

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