महात्मा गांधी को मुस्लिम पिता की संतान बताने वाले संभाजी भिडे पर महाराष्ट्र में दर्ज हुआ मुक़दमा।



महाराष्ट्र के हिंदुत्ववादी नेता संभाजी भिडे ने विवादित टिप्पणी करते हुए महात्मा गांधी की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर सवाल उठाया । उन्होंने कहा कि, ''महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी कहा जाता है, लेकिन सचाई यह है कि करमचंद गांधी महात्मा गांधी के पिता नहीं थे। उनके असली पिता एक मुस्लिम जमींदार थे।” 

भिडे ने दावा किया कि 'करमचंद ने उस मुस्लिम जमींदार से बड़ी रकम चुराई थी जिसके साथ वह काम कर रहा था। परिणामस्वरूप, क्रोधित मुस्लिम जमींदार ने करमचंद की पत्नी का अपहरण कर लिया और उसे अपने घर ले आया। उसने उन्हें वापस तब किया, जब वे गर्भवती हो गईं। इसके बाद करम चंद ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया और और महात्मा गांधी का जन्म हुआ।'

संभाजी भिड़े ने दावा किया कि उनके पास अपने दावों के पुख्ता सबूत हैं।

श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान के संस्थापक 90 वर्षीय संभाजी भिड़े ने गुरुवार को अमरावती जिले में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर एमके गांधी पर उक्त अपमानजनक टिप्पणी की। कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को इस मामले को विधानसभा में उठाया और टिप्पणियों की निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की। इसके बाद भिड़े के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल कार्य करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

कांग्रेस के राज्य सचिव नंदकिशोर कुयाते द्वारा भिड़े के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद अमरावती जिले के राजापेठ पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था। मामले में कांग्रेस नेताओं ने उनकी गिरफ्तारी की भी मांग की है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी उनके बयान की निंदा की। 

आईये जानते हैं, कौन हैं यह संभाजी भिड़े -

जिनके एक इशारे पर महाराष्ट्र के गांव , गांव , शहर शहर से लाखों की भीड़ जिसके साथ आ जाये वो हैं भिड़े गुरु जी। आप भैतिकी( फिजिक्स) मे गोल्ड मेडलिस्ट हैं। आप पुणे के प्रतिष्ठित फेगर्सन कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। आपको आपके कार्य के लिये १०० से भी ज्यादा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरुस्कारों पुरुस्कृत किया जा चुका है। आपने ६७ डॉक्टोरल एवं पोस्ट डॉक्टोरल रिसर्च कार्य किये हैं। आप नासा एवं पेंटागन के सलाहकार सद्स्यों की कमेटी के सद्स्य रह चुके हैं, ये गौरव प्राप्त करने वाले आप पहले भारतीय वैज्ञानिक हैं। 

एक समय ऐसा आया कि उन्होंने अच्छी खासी पगारदार नौकरी छोड़ दी , वो भी किसलिए ? क्योंकि उन्हें महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज , संभाजी महाराज द्वारा बनाये गए किलों, महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास का संरक्षण करना था और लोगों को जागृत करना था , दुर्गा माता दौड़ आयोजित करनी थी, संभाजी महाराज को 39 दिनों तक तड़पा कर मारा था औरंगजेब ने फिर भी संभाजी महाराज ने इस्लाम को नही स्वीकारा तो उन संभाजी महाराज की याद में महीने भर का बलिदान मास का नया सिद्धांत गुरुजी ने दिया। 

जिसमें हर व्यक्ति , जो खुद को शिवाजी महाराज , संभाजी महाराज के मार्गदर्शन और ज्ञान का संवाहक मानता है वो अपनी किसी ना किसी प्रिय चीज का 1 महीने तक त्याग कर देगा ऐसा नियम है बलिदान मास का , जिससे संभाजी महाराज के बलिदान की एक छोटी सी झलक उस युवक को मिल सके , और आज ऐसा समय है कि लाखों लोग यह बलिदान मास रखते हैं। 

वर्तमान में आपका निवास स्थान सबनिसवाडी सतारा में है। आपने "शिव प्रतिष्ठान" नामक एक स्वयंसेवक संगठन का निर्माण किया। गांव गांव फिरकर गरीबों की सेवा करना उनको शिक्षित करना उन्हें रोजगार दिलाना ही इनका मुख्य कार्य है। आज महाराष्ट्र मे १० लाख से भी ज्यादा युवा इनको फॉलो करते हैं। ये सिर्फ खादी पहनते हैं और बिना चप्पल के यात्रा करते हैं चाहे कितनी दूरी की क्यों न हो।

२०० साल से अंग्रेजों की जीत का जो भीमाकोरेगांव उत्सव है जिसे शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, भिडे जी ने इसे न मनाने के लिये विनम्र निवेदन किया और महारों को समझाने के लिये एक बैठक बुलाई। ३१ दिसंबर 2017 को उमर खालीद और जिग्नेश मेवाणी ने भिडे जी के खिलाफ भडकाऊ भाषण दिये जिससे वहां की स्थानीय जनता भडक गयी। 

आप ये कल्पना भी नही कर सकते कि कैसे कोई व्यक्ति इतनी बड़ी संख्या में अनुयायी होने के बाद भी ना खुद का घर है ना जमीन जायदाद , ना घमंड , ना अकड़। 

आगे आगे देखिये होता है क्या ?

क्या भिड़े न्यायालय में अपने कथन के समर्थन में कोई प्रमाण दे पाएंगे ?

या 90 वर्ष की आयु में अब जेल की हवा खाएंगे ?

उनके जेल जाने पर उनके अनुयाई क्या करेंगे ?

महाराष्ट्र की राजनीति बहुत उथल पुथल के दौर में प्रवेश करने जा रही है। 

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ