आइए, अपने धर्म को जानें - सुचिता सकुनिया
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हिंदू धर्म से जुड़ी जानकारियों और पौराणिक कथाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से, मैंने एक नई शृंखला की शुरुआत की है। इस शृंखला के अंतर्गत, मैं हर महीने हमारे हिंदू धर्म पर एक लेख लिखूंगी, जिसमें धर्म, संस्कृति और पौराणिक तथ्यों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जाएगा। आज की इस कड़ी में हम राधारानी की अष्ट सखियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
श्री राधारानी की अष्ट सखियाँ
राधारानी की अष्ट सखियों का जीवन और उनका श्रीजी के साथ संबंध भक्तों के लिए सदैव रहस्य और भक्ति का स्रोत रहा है। ये सखियाँ न केवल राधारानी की प्रिय सहेलियाँ हैं, बल्कि उनकी सेवा और संगति में लीन रहकर उनके प्रेम और भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। आइए, इन आठ सखियों के अनमोल योगदान और उनके अद्भुत गुणों के बारे में विस्तार से जानें।
1. ललिता सखी: श्रीजी की सबसे चतुर और प्रिय सखी, जो राधारानी को विविध खेलों में व्यस्त रखती हैं, जैसे नौका-विहार और वन-विहार। ठाकुर जी को हर समय बीड़ा (पान) देने का काम भी इन्हीं का होता है। ललिता सखी का निवास ऊँचे गाँव में है, और उनकी आयु 14 वर्ष, 8 महीने, 27 दिन है।
2. विशाखा सखी: गौरांगी रंग की यह सखी ठाकुर जी को हँसाने के लिए सुंदर चुटकुले सुनाती हैं और सुगंधित द्रव्यों से बने चन्दन का लेप करती हैं। इनकी आयु 14 वर्ष, 2 महीने, 15 दिन है।
3. चम्पकलता सखी: ठाकुर जी की अत्यंत प्रेमभरी सखी, जो करहला गाँव में रहती हैं। उनका अंगवर्ण पुष्प-छटा के समान है, और वे ठाकुर जी की रसोई सेवा में लगी रहती हैं। इनकी आयु 14 वर्ष, 2 महीने, 13 दिन है।
4. चितरा सखी: राधारानी की मनभावनी सखी, जो बरसाने के चिकसौली गाँव में रहती हैं। जब ठाकुर जी प्रातः 4 बजे उठते हैं, तो यह सखी उनके लिए फल, शर्बत, और मेवे लेकर तैयार रहती हैं। इनकी आयु 14 वर्ष, 7 महीने, 14 दिन है।
5. तुंगविद्या सखी: चंदन और कपूर की महक से युक्त, यह सखी श्रीजी के दरबार में नृत्य और गायन करती हैं। वे वीणा वादन में निपुण हैं और गौरा माँ पार्वती का अवतार मानी जाती हैं। इनकी आयु 14 वर्ष, 2 महीने, 22 दिन है।
6. इन्दुलेखा सखी: अत्यंत समझदार और सूझबूझ वाली सखी, जो सुनहरे गाँव में रहती हैं। हस्तरेखा देखकर भविष्य बताने में यह कुशल हैं और प्रेम कहानियाँ सुनाने में माहिर हैं। इनकी आयु 14 वर्ष, 2 महीने, 10 दिन है।
7. रंगदेवी सखी:कोमल और सुंदर रंगदेवी सखी, जो राधारानी के नयनों में काजल लगाकर उन्हें श्रृंगारित करती हैं। इनकी आयु 14 वर्ष, 2 महीने, 4 दिन है।
8. सुदेवी सखी: सबसे छोटी और चतुर सखी, जो ठाकुर जी को पानी पिलाने की सेवा करती हैं। इनकी आयु भी 14 वर्ष, 2 महीने, 4 दिन है।
Disclaimer - इस जानकारी का स्रोत इंटरनेट और पुस्तकों से लिया गया है।यदि इस लेख में कोई त्रुटि हो, तो कृपया मुझे क्षमा करें और उसे सुधारने में मेरी मदद करे।
सुचिता सकुनिया
Tags :
धर्म और अध्यात्म
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