शिवपुरी। अनंत चतुर्दशी के दिन आयोजित श्री गणेश विसर्जन समारोह के सफल आयोजन के बाद, शिवपुरी की प्रतिष्ठित श्री गणेश सांस्कृतिक समारोह समिति में इस्तीफों की एक नई लहर देखी गई। 38 वर्षों तक समिति के महामंत्री रहे महेंद्र रावत ने 19 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उनके इस्तीफे के कुछ ही समय बाद, समिति के उपाध्यक्ष तरुण अग्रवाल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 26 सितंबर को समिति के अध्यक्ष तेजमल सांखला ने भी अपना त्यागपत्र सौंपकर सभी को हैरत में डाल दिया।
इन इस्तीफों के पीछे के कारणों का पता लगाने पर स्पष्ट हुआ कि समिति में स्वार्थी तत्वों की बढ़ती संख्या से इन समर्पित कार्यकर्ताओं में आक्रोश था। वर्षों तक अपने परिश्रम और समर्पण से इस समिति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले इन पदाधिकारियों का मानना है कि अब समिति में समर्पित और निष्ठावान लोगों के लिए कार्य कर पाना संभव नहीं रहा। महेंद्र रावत का कहना था कि समिति में ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं, जिनमें सही और निष्पक्ष तरीके से कार्य करना संभव नहीं है। इसी कारण उन्होंने और उनके साथियों ने समिति से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
जब इस विषय पर समिति के अन्य पदाधिकारियों से चर्चा की गई, तो समिति पदाधिकारी श्याम राठौर ने इस बात की पुष्टि की कि इस्तीफे गुस्से और आक्रोश में दिए गए हैं और इन्हें अभी तक समिति द्वारा स्वीकार नहीं किया गया है। राठौर ने बताया कि आगामी समय में समिति की एक बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें इन इस्तीफों पर विस्तृत चर्चा होगी। राठौर ने इस बात को भी स्वीकार किया कि जिन पदाधिकारियों ने इस्तीफा दिया है, उनके स्वाभिमान को चोट पहुंचाई गई है।
समर्पण बनाम स्वार्थ: समिति में बढ़ते आंतरिक मतभेद
समिति के भीतर का यह संघर्ष इस बात को दर्शाता है कि जब किसी संस्था में स्वार्थी तत्वों की अधिकता हो जाती है, तो निष्ठावान और समर्पित कार्यकर्ताओं का कार्य कर पाना मुश्किल हो जाता है। महेंद्र रावत, तरुण अग्रवाल और तेजमल सांखला जैसे लोग, जिन्होंने अपने जीवन के अनेक वर्ष समिति की सेवा में बिताए, अब इस कारण से इस्तीफा देने को मजबूर हो गए हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि समिति इन इस्तीफों को कैसे संभालती है और क्या ये पदाधिकारी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेंगे।
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