निकाह से पहले कत्ल: मंगेतर गुलफशा ने आशिक सद्दाम संग दूल्हे निहाल को मारा
रामपुर। यूपी के रामपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया है। यहां शादी से महज एक दिन पहले होने वाले दूल्हे की लाश जंगल में मिली है। आरोप है कि इस हत्याकांड को अंजाम दिया मंगेतर गुलफशा ने—अपने आशिक सद्दाम के साथ मिलकर। प्रेम कहानी में धोखे, साजिश और मौत का ये खेल ऐसा था कि शादी की खुशियां मातम में बदल गईं।
गंज थाना क्षेत्र के मोहल्ला गूजर टोला निवासी निहाल (35), जो शादी-पार्टी में खाना बनाने का काम करता था, उसकी शादी 15 जून को तय थी। लड़की का नाम था गुलफशा, जो धनुपुरा गांव की रहने वाली थी। शादी की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, लेकिन 14 जून को निहाल के पास एक फोन आता है। फोन करने वाला खुद को उसका रिश्तेदार बताता है और कपड़े की नाप लेने के बहाने उसे बुलाता है। निहाल घर से निकला और फिर कभी वापस नहीं लौटा।
परिजनों को जब शक हुआ तो पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने जब सीसीटीवी खंगाले तो मामला खुलने लगा। जांच में पता चला कि निहाल को बहला-फुसलाकर दो युवक बाइक पर बैठाकर ले गए थे। गहन पूछताछ में प्रेमी सद्दाम और उसका साथी फरमान टूट गए। दोनों ने कबूल कर लिया कि उन्होंने निहाल की हत्या कर दी और शव को अजीमनगर क्षेत्र के रतनपुरा के जंगल में फेंक दिया।
पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। निहाल के भाई की तहरीर पर मंगेतर गुलफशा, उसका प्रेमी सद्दाम, और उनके साथी फरमान व अनीस के खिलाफ हत्या और अपहरण का मामला दर्ज किया गया है। सद्दाम और फरमान को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि गुलफशा और अनीस अब भी फरार हैं।
यह सवाल अब हर तरफ उठ रहा है कि अगर गुलफशा को निहाल से शादी मंजूर नहीं थी, तो उसने साफ-साफ इंकार क्यों नहीं किया? क्यों नहीं अपने घरवालों से कह दिया कि वह सद्दाम से शादी करना चाहती है? क्यों निहाल जैसे मासूम की जिंदगी का खून बहाया गया?
समाज में बार-बार सामने आ रहे ऐसे मामलों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जब इन कथित "अबला नारियों" को प्रेमी से शादी करने की हिम्मत नहीं होती, तब किसी मासूम की हत्या करने की वहशी ताकत आखिर कहाँ से आ जाती है? क्या प्यार अब कातिल बनने का लाइसेंस बनता जा रहा है?
ये घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था को, बल्कि समाज के सोचने के ढंग को भी आईना दिखा गई है। अब समय आ गया है कि समाज इस सड़े हुए मानसिकता के खिलाफ खुलकर बोले, वरना कल कोई और निहाल इस प्रेम-प्रपंच का शिकार बन जाएगा।
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