शिवपुरी की कानून व्यवस्था पर सवाल? गुंडे दिनदहाड़े हथियार लहराएं, पुलिस मौन क्यों?
शिवपुरी, 22 जून 2025।
क्या शिवपुरी में अब पुलिस का डर समाप्त हो चुका है? क्या अब आम नागरिकों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है? क्या शहर की कॉलोनियाँ अब असामाजिक तत्वों का अखाड़ा बनती जा रही हैं?
ऐसे ही कुछ सवालों ने शनिवार को शिवपुरी शहर में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंतन की आवश्यकता खड़ी कर दी है। सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही एक जानकारी के अनुसार, शहर की प्रतिष्ठित चंद्रा कॉलोनी में दिनदहाड़े कुछ लोग हथियारों से लैस होकर धमकाते हुए नजर आए। बताया जा रहा है कि यह लोग वहां के निवासी एवं शिक्षक ब्रजमोहन सिंह जाट उर्फ राजू के घर पहुंचे और जमीन पर अवैध कब्जा करने के उद्देश्य से जान से मारने की धमकी देने लगे।
सूत्रों के अनुसार, जिन लोगों ने यह दुस्साहसिक हरकत की, उनमें मुख्य रूप से मुहरी पिछोर निवासी मयंक लोधी पुत्र दशरथ लोधी एवं मुरैना निवासी कोमल सिंह पुत्र विशंभर सिंह शामिल थे, जो अपने साथ 10 से 12 लोगों को लेकर आए थे। इन पर आरोप है कि वे जबरन जमीन कब्जाने तथा प्राणघातक हमले की नीयत से पहुंचे थे, जबकि ब्रजमोहन सिंह जाट के पास उस ज़मीन की वैध रजिस्ट्री मौजूद है।
प्रश्न यह उठता है कि –
आखिर इन असामाजिक तत्वों को इतनी हिम्मत कहां से मिलती है कि वे कॉलोनी में खुलेआम हथियार लहराते हैं?
क्या पुलिस की गश्त, निगरानी और खुफिया तंत्र पूरी तरह निष्क्रिय हो गया है?
क्या शिवपुरी जैसे शहर में अब रजिस्ट्रीधारी वैध मालिक भी अपने हक की रक्षा के लिए डर में जीने को मजबूर हैं?
शहरवासियों के मन में यह डर घर करता जा रहा है कि कहीं अगला निशाना वे स्वयं न बन जाएं। क्या प्रशासन इस घटना को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करेगा? या फिर यह भी महज़ एक सोशल मीडिया पोस्ट बनकर रह जाएगी?
यह स्थिति न सिर्फ कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि आमजन के मन में असुरक्षा का भाव भी उत्पन्न करती है।
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