शिवपुरी के पार्षदों की बेरुखी : समस्याओं से मुक्ति के वादे अब बहानों में तब्दील
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शिवपुरी नगर पालिका चुनावों के समय मतदाताओं से किए गए वादे अब बीते दिनों की बातें बन चुके हैं। अधिकांश पार्षदों की स्थिति आज यह है कि चुनाव पूर्व जिन समस्याओं को वे जनता के लिए सबसे अहम बताते थे, उन्हीं समस्याओं से अब मुंह मोड़ने लगे हैं। चुनाव जीतने के बाद जिम्मेदारी निभाने की जगह जिम्मेदारियों से बचने के तरीके खोजे जा रहे हैं।
हर वार्ड में जलजमाव, टूटी सड़कें, कचरे का ढेर, सीवेज की बदहाल व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट की अनुपस्थिति जैसी समस्याएं अब आम बात हो गई हैं। लेकिन सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जिन जनप्रतिनिधियों पर इन समस्याओं को सुलझाने की जिम्मेदारी थी, वे अब ‘तकनीकी अड़चनों’, ‘बजट की कमी’, ‘प्रक्रियागत देरी’ जैसे बहानों की आड़ में खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
जनता यह सवाल पूछने में अब बिल्कुल भी नहीं झिझक रही कि – क्या ये वही पार्षद हैं जो दरवाज़े-दरवाज़े जाकर आश्वासन दे रहे थे? क्या ये वही नेता हैं जो कहते थे कि “आपकी हर समस्या हमारी समस्या है”? आज जब जनता दरवाज़ा खटखटाती है तो या तो मुलाकात नहीं होती या फिर एक रटा-रटाया जवाब मिलता है – "हम प्रयास कर रहे हैं, मामला तकनीकी कारणों से अटका है।"
यह स्थिति न केवल शिवपुरी की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि उस जनप्रतिनिधि व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है, जिसे जनता ने अपने विश्वास से चुना था। जिन समस्याओं को चुनावी मंचों पर प्राथमिकता बताकर वोट मांगे गए थे, वे ही समस्याएं आज पार्षदों के लिए सबसे अंतिम प्राथमिकता बन चुकी हैं।
शहर का विकास तो दूर, मौजूदा ढांचे की मरम्मत तक नहीं हो पा रही। वार्डों में नियमित सफाई नहीं, नालियां जाम, बच्चों के खेलने लायक पार्क खंडहर में तब्दील, वृद्धों को पैदल चलना भी दूभर। स्थिति यह हो गई है कि अब जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
अगर यही रवैया रहा, तो शिवपुरी शहर सिर्फ एक उपेक्षित कस्बे के रूप में ही रह जाएगा। वक़्त है कि जनता फिर से जागे और अपने चुने गए जनप्रतिनिधियों से जवाब मांगे। क्योंकि अगर अब भी सवाल नहीं उठाए गए, तो कल कोई सुनने वाला नहीं रहेगा।
शिवपुरी अब केवल बदलाव नहीं, जवाबदेही चाहता है। पार्षदों को यह समझना होगा कि जनता ने उन्हें कुर्सी नहीं, जिम्मेदारी सौंपी है — और उस जिम्मेदारी से भागना लोकतंत्र से विश्वासघात के समान है।
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