विश्व पर्यटन दिवस पर CU हिमाचल का कोटला किले में विरासत संरक्षण अभियान
धर्मशाला, 25 सितम्बर 2025
विश्व पर्यटन दिवस 2025 के उपलक्ष्य में पर्यटन सप्ताह उत्सव के अंतर्गत केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के पर्यटन, यात्रा एवं आतिथ्य प्रबंधन विभाग (SOTTHM) द्वारा ऐतिहासिक कोटला किला (कांगड़ा) में एक दिवसीय विरासत संरक्षण गतिविधि आयोजित की गई। समारोह का शुभारंभ अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार द्वारा छात्र बसों को हरी झंडी दिखाकर किया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुनील ठाकुर भी उपस्थित रहे। विरासत यात्रा के दौरान छात्रों और प्राध्यापकों ने किले परिसर में स्वच्छता, संरक्षण एवं जन-जागरूकता अभियान चलाया और “रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल” के मंत्र को व्यवहार में उतारते हुए सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण और सतत पर्यटन को बढ़ावा दिया।
अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यटन केवल आर्थिक विकास और रोजगार का साधन ही नहीं है बल्कि यह संस्कृति के प्रति गर्व जगाने और सामाजिक समावेशन को सुदृढ़ करने का भी माध्यम है। उन्होंने छात्रों को अपने कौशल को निरंतर निखारने, पुनः अर्जित करने और उन्नत करने की प्रेरणा दी। वहीं, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुनील ठाकुर ने ज़ोर देकर कहा कि पर्यटन एक आर्थिक गतिविधि से कहीं अधिक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र का वाहक है, जो ‘विकसित भारत 2047’ की परिकल्पना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
यह आयोजन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. (डॉ.) सत प्रकाश बंसल के दूरदर्शी मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास और धरोहर का संरक्षण न केवल सांस्कृतिक उत्तरदायित्व है, बल्कि सतत पर्यटन की दिशा में एक आवश्यक कदम भी है। समारोह में छात्रों ने इस अनुभव को अत्यंत ज्ञानवर्धक बताया क्योंकि इससे उन्हें विरासत प्रबंधन और सतत पर्यटन की व्यावहारिक समझ प्राप्त हुई। इस पहल ने स्पष्ट किया कि स्थिरता और सांस्कृतिक संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं और भविष्य के लिए जिम्मेदार पर्यटन नेतृत्व का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
इस आयोजन के संयोजक प्रो. देबासिस साहू और सह-संयोजक प्रो. अमित गंगोटिया रहे। छात्रों, शोधार्थियों और युवा संकाय की सक्रिय भागीदारी ने इसे विश्वविद्यालय के सबसे महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक बना दिया। पिछले एक दशक से केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश में पर्यटन सप्ताह का आयोजन केवल एक औपचारिक कैलेंडर कार्यक्रम नहीं, बल्कि पाठ्यक्रमीय ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव को जोड़ने की परंपरा रहा है। वर्ष 2025 का संस्करण विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह न केवल संयुक्त राष्ट्र की थीम “पर्यटन और सतत रूपांतरण” से जुड़ा है बल्कि भारत के विकसित भारत 2047 दृष्टिकोण और हिमाचल प्रदेश की सतत पर्यटन केंद्र के रूप में बढ़ती पहचान को भी रेखांकित करता है।
कोटला किले में आयोजित यह विरासत संरक्षण गतिविधि विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करती है कि वह ऐसे स्नातक तैयार करेगा जो शैक्षणिक रूप से सक्षम, सामाजिक रूप से उत्तरदायी और पर्यावरणीय रूप से सजग हों—और जो पर्यटन क्षेत्र को सततता, समावेशिता और सांस्कृतिक गौरव की धुरी पर आगे ले जा सकें।

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